Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या के दिन पूर्वज होंगे प्रसन्न, बस करें 'पितृ निवारण स्तोत्र' का पाठ

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 06:00 PM (IST)

    अमावस्या तिथि पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। पितरों की कृपा से जीवन में सुख-शांति मिलती है, जबकि उनकी नाराजगी से जीवन में ...और पढ़ें

    Hero Image

    Paush Amavasya 2025 (AI Generated Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या 19 दिसंबर को है। इस तिथि को मंत्र जप, दान-पुण्य और दीपदान के लिए भी शुभ माना जाता है। से में आप आप साल की आखिरी अमावस्या यानी पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2025) के दिन पितृ निवारण स्तोत्र और पितृ कवच के पाठ द्वारा पितरों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पितृ निवारण स्तोत्र (pitru nivaran stotra lyrics)

    अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।

    नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।

    इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।

    सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ।।

    मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।

    तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।

    नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा ।

    द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।

    देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।

    अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।

    प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।

    योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।

    नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।

    स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।

    सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।

    नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।

    अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।

    अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।

    ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय:।

    जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।

    तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस:।

    नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।

    pitru-paksh-

    (Picture Credit: Freepik) 

    पितृ कवच (Pitra Kavach lyrics)

    कृणुष्व पाजः प्रसितिम् न पृथ्वीम् याही राजेव अमवान् इभेन।

    तृष्वीम् अनु प्रसितिम् द्रूणानो अस्ता असि विध्य रक्षसः तपिष्ठैः॥

    तव भ्रमासऽ आशुया पतन्त्यनु स्पृश धृषता शोशुचानः।

    तपूंष्यग्ने जुह्वा पतंगान् सन्दितो विसृज विष्व-गुल्काः॥

    प्रति स्पशो विसृज तूर्णितमो भवा पायु-र्विशोऽ अस्या अदब्धः।

    यो ना दूरेऽ अघशंसो योऽ अन्त्यग्ने माकिष्टे व्यथिरा दधर्षीत्॥

    उदग्ने तिष्ठ प्रत्या-तनुष्व न्यमित्रान् ऽओषतात् तिग्महेते।

    यो नोऽ अरातिम् समिधान चक्रे नीचा तं धक्ष्यत सं न शुष्कम्॥

    ऊर्ध्वो भव प्रति विध्याधि अस्मत् आविः कृणुष्व दैव्यान्यग्ने।

    अव स्थिरा तनुहि यातु-जूनाम् जामिम् अजामिम् प्रमृणीहि शत्रून्।

    Amavasya i (3)

    (Picture Credit: Freepik) 

    पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए मंत्र -

    1. ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा
    2. ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्
    3. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
    4. ऊं पितृ देवतायै नमः
    5. ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

    यह भी पढ़ें - Paush Amavasya 2025: किस मूलांक के लिए खास होगी पौष अमावस्या? जानें अपनी किस्मत का हाल

    यह भी पढ़ें - Paush Amavasya 2025: पौष अमावस्या के दिन इस दिशा में लगाएं पितरों की तस्वीर, बरसेगी पूर्वजों की कृपा

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।