Paush Amavasya 2025: 19 दिसंबर को है साल की सबसे खास अमावस्या? जानें शुभ योग और मुहूर्त
पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2025) हिंदू धर्म में पितरों को समर्पित एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान, दा ...और पढ़ें

Paush Amavasya 2025: अमावस्या तिथि का महत्व।
दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष महत्व दिया गया है, खासकर जब यह पौष मास में आती है। पौष अमावस्या को पितरों को समर्पित माना जाता है और इस दिन स्नान, दान, तर्पण और जप का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के किए गए कर्मों से प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2025) पर बनने वाले शुभ योग और मुहूर्त का महत्व और भी बढ़ जाता है।

पौष अमावस्या 2025 की तिथि
पंचांग के अनुसार, पौष अमावस्या वर्ष 2025 में 19 दिसंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि की शुरुआत 19 दिसंबर सुबह 4:59 बजे होगी और इसका समापन 20 दिसंबर सुबह 7:12 बजे पर होगा। उदया तिथि के नियम के अनुसार, अमावस्या से जुड़े सभी धार्मिक, पितृ तर्पण, स्नान और दान जैसे शुभ कार्य 19 दिसंबर को ही किए जाएंगे।
पौष अमावस्या पर बनने वाले शुभ संयोग
पौष अमावस्या के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिन्हें धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जाता है। अमावस्या तिथि पितृ कार्यों के लिए विशेष रूप से श्रेष्ठ मानी गई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सूर्य और चंद्रमा का एक ही राशि में होना अमावस्या का मुख्य ज्योतिषीय आधार होता है, जो पितृ तर्पण और आत्मशुद्धि के लिए अनुकूल माना जाता है। यह संयोग पितरों के तर्पण, श्राद्ध और आत्मशुद्धि के लिए अनुकूल माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए पितृ कर्मों से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, पौष अमावस्या का शुक्रवार के दिन पड़ना माता लक्ष्मी की कृपा से जुड़ा शुभ संयोग भी बना रहा है। मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार को श्रद्धा भाव से किया गया दान और पुण्य कर्म आर्थिक स्थिरता, सुख और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
शुभ मुहूर्त और योग
पौष अमावस्या के दिन कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जिनमें धार्मिक कार्य करना विशेष फलदायी माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:19 से 6:14 बजे तक।
- इस समय स्नान, ध्यान, जप और तर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अमृत काल: सुबह 9:43 से 11:01 बजे तक।
- इस समय किए गए शुभ कार्यों को विशेष सिद्धि प्राप्त होती है।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:58 से 12:39 बजे तक।
- यह समय सार्वभौमिक रूप से शुभ माना जाता है।
वहीं, राहुकाल 11:01 से 12:18 बजे तक रहेगा, इस दौरान शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
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लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।

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