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    क्या आप जानते हैं कंस के पिछले जन्म की कथा, देवकी के 6 पुत्रों से इस तरह जुड़ा था नाता

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 04:56 PM (IST)

    कंस जिसे हम सभी भगवान श्रीकृष्ण के मामा के रूप में जानते हैं वह राजा उग्रसेन का पुत्र था। कंस के अत्याचारों से सभी नगरवासी परेशान थे। यहां तक कि उनसे अपनी बहन व उसके पति तक को कारागार में डाल दिया था। अंत में कंस का वध भगवान श्रीकृष्ण के हाथों हुआ। आज हम आपको कंस के पिछले जन्म की कथा बताने जा रहे हैं।

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    Kansa previous life story in hindi कंस के पिछले जन्म की कथा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान थे। इससे पहले जन्मे 6 पुत्रों को कंस द्वारा बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था। 7वीं संतान के रूप में बलराम जी का जन्म हुआ और आठवीं संतान कृष्ण जी हुए, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे।

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    श्रीमद्भागवत महापुराण में एक कथा मिलती है, जिसके अनुसार,  देवकी के पहले 6 पुत्रों का संबंध कंस के पूर्व जन्म से रहा है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

    ये है पौराणिक कथा

    कथा के अनुसार, कंस एक कालनेमि नामक असुर था, जो असुरपति विरोचन का पुत्र था। कालनेमि साधु-संतों समेत देवों के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर देता था। एक बार देवों और असुरों के बीच संग्राम हुआ था। उस दौरान कालनेमि ने क्रोध में आकर भगवान विष्णु पर अपने त्रिशूल से वार कर दिया। तब भगवान विष्णु ने उसका त्रिशूल पकड़ लिया और उससे कालनेमि का ही वध कर दिया।

    कौन थे देवकी के छः पुत्र

    देवकी की 6 संतानों की हत्या कंस के द्वारा ही की गई थी। इन 6 पुत्रों का संबंध भी कंस के पिछले जन्म से ही था। श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित कथा के अनुसार, देवकी के पहले 6 पुत्र मरीचि के पुत्रों का ही पुनर्जन्म थे। पूर्वजन्म में इन्होंने ब्रह्मा जी का उपहास किया शाप था, जिस कारण इन्हें यह श्राप मिला कि उनका जन्म राक्षस योनि में होगा।

    अगला जन्म इनका कालनेमि के पुत्रों के रूप में हुआ, जो हिरण्यकश्यप के वंश का ही था। इन 6 पुत्रों ने ब्रह्मा जी के श्राप से मुक्ति पाने के लिए तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर उन्हें इस श्राप से मुक्त कर दिया।

    हिरण्यकश्यप ने दिया ये श्राप

    लेकिन हिरण्यकश्यप को इस बात पर बहुत क्रोध आया, कि वह राक्षस होकर देव की आराधना कैसे कर सकते हैं। तब हिरण्यकश्यप ने इन 6 को यह श्राप दिया कि अगले जन्म में तुम्हारी मृत्यु तुम्हारे ही पिता के हाथों होगी। ऐसे में कालनेमि का अगला जन्म कंस के रूप में हुआ और उसके 6 पुत्रों ने देवकी के गर्भ से जन्म लिया। श्राप के फलस्वरूप कंस ने देवकी के 6 पुत्रों की हत्या कर दी थी।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।