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    Parashurama Jayanti 2025: परशुराम जयंती की डेट को लेकर न हों कन्फ्यूज, एक क्लिक में देखें सही तारीख

    Updated: Fri, 25 Apr 2025 04:08 PM (IST)

    हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) का पर्व मनाया जाता है और इससे एक दिन पहले भगवान परशुराम की जयंती (Parashurama Jayanti 2025) मनाई जाती है। भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना प्रदोष काल में करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं।

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    Parashurama Jayanti 2025: भगवान परशुराम जयंती का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर बेहद उत्साह के साथ अक्षय तृतीया ((Akshaya Tritiya 2025) का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान परशुराम का जन्म वैशाख माह के तृतीया तिथि पर प्रदोष काल में हुआ है। इस तिथि पर भगवान परशुराम (Parashurama Jayanti 2025 Kab Hai) की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। इसके अलावा अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।  

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    इस बार परशुराम जयंती (Parashurama Jayanti 2025) की डेट को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऐसे में सभी लोग परशुराम जयंती की सही डेट जानना चाहते हैं, तो ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे परशुराम जयंती की सही तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में।

    अक्षय तृतीया डेट और शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2025 Date And Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 05 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर तिथि खत्म होगी। ऐसे में 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025 Kab Hai) का पर्व मनाया जाएगा।

    (Pic Credit- Freepik)

    कब है परशुराम जयंती 2025 (Parshuram Jayanti 2025 Date)

    धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष काल में भगवान परशुराम का अवतार हुआ है। इसलिए  वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन प्रदोष काल में भगवान परशुराम विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में 29 अप्रैल को परशुराम जयंती मनाई जाएगी।

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    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 55 मिनट पर

    चंद्रोदय- सुबह 06 बजकर 29 मिनट पर

    चंद्रास्त- रात 09 बजकर 03 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 16 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 16 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

    परशुराम जयंती के मंत्र (Parshuram Jayanti Mantra)

    ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात्।।

    ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात्।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।