Palmistry Secrets: हाथ के चंद्र पर्वत पर गोले का निशान, तो पानी की जगहों पर न करें खिलवाड़
palmistry future prediction हस्तरेखा शास्त्र में हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे का क्षेत्र चंद्र पर्वत कहलाता है। चंद्र पर्वत पर गोलाकार निशान अच्छा नहीं माना जाता यह जल स्रोतों के पास लापरवाही करने के प्रति सचेत करता है। ऐसा निशान मानसिक स्थिति के कमजोर होने का भी संकेत देता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष में चंद्रमा को मन और पानी का कारक माना जाता है। चंद्रमा की वजह से समुद्र में ज्वार और भाटा आता है। इसी तरह से मनुष्य के मन में भी जो भावनाओं की लहरें चढ़ती और गिरती हैं, वह चंद्रमा के कारण ही होती हैं।
हथेली में सबसे छोटी उंगली के नीचे कलाई की तरफ का क्षेत्र चंद्र पर्वत कहलाता है। यदि कुंडली में चंद्रमा की स्थिति अच्छी होती है, तो हथेली का चंद्र पर्वत भी उभरा हुआ होता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति का मन अच्छा रहता है, उसे मां का सुख मिलता है।
इस पर्वत पर बने निशान भाग्य से जुड़ी कई बातें बताते हैं। इसी कड़ी में हम आपको बता रहे हैं कि यदि आपकी हथेली में गोलाकार निशान चंद्र पर्वत (moon mount palmistry) पर बना है, तो आपकी किस्मत क्या दे सकती है।
पानी की जगहों पर न करें लापरवाही
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, चंद्र पर्वत पर गोलाकार निशान (circular mark on moon mount) को अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा निशान यदि आपकी हथेली में भी बना है, तो आपको जल स्रोतों जैसे नदी, तालाब, समुद्र आदि के पास जाकर खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
पानी की जगहों पर की गई लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। नाव में बैठने के दौरान भी इन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। इसके अलावा चंद्र पर्वत पर गोले का चिह्न यह संकेत भी देता है कि व्यक्ति की मानसिक स्थिति बेहतर नहीं होगी। वह तनाव को झेल नहीं पाएगा। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहना चाहिए।
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यदि दबा हुआ हो चंद्र पर्वत
हथेली में चंद्र पर्वत की स्थिति को देखकर किसी व्यक्ति के स्वभाव और सोच का अंदाजा लगाया जा सकता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का चंद्र पर्वत दबा हुआ है, तो उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होती है। वह ज्यादा दबाव सहन नहीं कर पाता है।
ऐसे लोग जल्द उदास हो जाते हैं, निगेटिविटी से भर जाते हैं और आगे चल कर यही बात उनके लिए डिप्रेशन का कारण बन सकती है। ऐसे लोग कठिन फैसले की घड़ी में भी विचलित हो जाते हैं।
ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए
यदि आपके साथ भी ऐसी स्थिति है, तो चंद्रमा को अर्ध्य दें। माता की सेवा करें। पानी की बर्बादी न करें। पानी वाली जगहों पर लापरवाही न करें। योग और ध्यान के जरिये अपने मन को मजबूत करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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