Neem Karoli Baba: अपने बच्चों को जरूर सिखाएं नीम करोली बाबा के ये मूल मंत्र, करियर में मिलेगी सफलता
नीम करोली बाबा एक आध्यात्मिक संत थे। ऐसा बताया जाता है कि नीम करोली बाबा ने 17 साल की उम्र में ज्ञान प्राप्त कर लिए था। नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba Mantras) के द्वारा दिए वचनों को जीवन में अपनाने से सफलता मिलती है। उन्होंने बच्चों के लिए भी कुछ मूल मंत्र दिए हैं। आइए जानते हैं इन मूल मंत्र के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नीम करोली बाबा के भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनका विवाह कम उम्र में ही हो गया था, लेकिन उन्होंने गृह त्याग दिया था। इसके बाद उन्होंने गुजरात में दीक्षा लेकर उपासना की। नीम करोली बाबा ने अपने जीवन काल के दौरान कई जगहों की यात्रा की।
नीम करोली बाबा के अनुसार, बच्चों (Children Success Tips) को कुछ अच्छी आदतों को सिखाने से वह बातें जीवन में हमेशा उनके साथ रहती हैं। इसी वजह से माता-पिता को अपने बच्चों को आध्यात्मिक से जुड़ी बातों के बारे में बताए और जीवन को सफल बनाने के लिए नियम का पालन करने के आदेश दें। ऐसे में चलिए आपको बताएंगे कि नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba Success Mantras) की कुछ आदतें, जिन्हें बच्चों को सिखाने से जीवन में नए रास्ते खुलेंगे और करियर में सफलता मिलेगी।
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- नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba Teaching) रोजाना सुबह जल्दी उठते थे। स्नान करने के बाद विधिपूर्वक बजरंगबली का ध्यान किया करते थे। नीम करोली बाबा अपने भक्तों से कहते थे कि अपने बच्चों को सिखाएं कि सुबह उठकर देवी-देवताओं का ध्यान कर धन्यवाद करें। साथ ही उन्हें कोई मंत्र सिखाएं। जिसका जप वह पूजा के दौरान कर सके। इस आदत को जीवन में अपनाने से संतान का मन शांत होगा। जीवन में सभी तरह की समस्याओं का सामना करने में मदद मिलेगी।
- इसके अलावा नीम करोली बाबा के अनुसार, बच्चों को दिनचर्या के नियम के बारे में बताएं। दिनचर्या के नियम का सही तरीके से पालन करने से संतान जिम्मेदार होती है और दिमाग तेज होता है। साथ ही मन शांत होता है। इससे पढ़ाई में मन लगता है।
- नीम करोली बाबा ने अपने जीवन काल के दौरान मन से लोगों की मदद की। नीम करोली बाबा ने बताया है कि अपने बच्चों को दूसरे लोगों की मदद करने के बारे में सिखाएं। नीम करोली बाबा के इस मूल मंत्र को जीवन में अपनाने से दयालुता की भावना विकसित होती है।
- नीम करोली बाबा धार्मिक ग्रंथ का पाठ किया करते थे। इससे उन्हें जीवन में कई सुझाव मिले। ऐसे में आप भी अपने बच्चों को रामचरितमानस, रामायण और महाभारत पढ़ने की आदत डालें। इससे बच्चे को आध्यात्मिक के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
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