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    Narad Jayanti 2024: कौन हैं देवर्षि नारद, इन्हें क्यों कहा जाता है सृष्टि का सबसे पहला पत्रकार?

    ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को देवर्षि नारद जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष नारद जयंती का पर्व 24 मई को मनाया जाएगा। महाभारत में नारद जी का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों की मानें तो नारद जी को ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक माना गया है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 21 May 2024 02:13 PM (IST)
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    Narad Jayanti 2024: कौन हैं देवर्षि नारद, इन्हें क्यों कहा जाता है सृष्टि का सबसे पहला पत्रकार?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Narad Jayanti 2024: धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को देवर्षि नारद जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष नारद जयंती का पर्व 24 मई को मनाया जाएगा। महाभारत में नारद जी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि नारद जयंती के दिन देवर्षि नारद जी आराधना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन सदैव सुखमय रहता है। चलिए जानते हैं देवर्षि नारद जी के बारे में विस्तार से।

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    शास्त्रों की मानें तो नारद जी को ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक माना गया है।  नारद जी हाथ में वीणा लिए हुए हैं। वह जगत के पालनहार भगवान विष्णु के परम भक्त थे। उनको तीनों लोकों में वायु मार्ग के द्वारा आने जाने का वरदान मिला हुआ था। इसलिए वह विष्णु जी की महिमा का बखान तीन लोकों में किया करते थे। इसी कारण उन्हें तीनों लोकों को खबर रहती थी। यही वजह है कि उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी माना जाता है। उन्होंने कठिन तपस्या के द्वारा ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया था।

    मिला था ये श्राप

    नारद मुनि को अपने पिता ब्रह्मा जी से भी एक श्राप मिला था। पुराणों के अनुसार, ब्रह्मा जी ने नारद मुनि को सृष्टि के कामों में उनका हाथ बटाने और विवाह करने के लिए कहा था, लेकिन लेकिन उन्होंने अपने पिता ब्रह्मा की आज्ञा का पालन करने से मना कर दिया और विष्णु जी की भक्ति में लीन रहे, जिसकी वजह से ब्रह्मा जी ने उन्हें श्राप दिया कि तुम आजीवन अविवाहित रहोगे।

    नारद जयंती 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Narad Jayanti 2024 Date and Shubh Muhurat)  

    पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 23 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट से होगा और वहीं इसका समापन अगले दिन 24 मई को शाम 07 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में नारद जयंती का पर्व 24 मई को मनाया जाएगा।  

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।