Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Nag Panchami 2025: इस साल कब मनाई जाएगी नाग पंचमी, यहां जानिए सही तिथि और मुहूर्त

    Updated: Wed, 09 Apr 2025 11:47 AM (IST)

    नाग पंचमी के पर्व को हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन पर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा-अर्चना का विधान है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन को कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए एक उत्तम तिथि माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2025 में नाग पंचमी कब मनाई जाएगी।

    Hero Image
    Nag Panchami 2025 नाग पंचमी के दिन क्या करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Nag Panchami 2025) पर नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इस तिथि पर नाग देवता और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को काल सर्प दोष से राहत मिल सकती है। साथ ही नाग पंचमी उन खास तिथियों में से भी एक है, जब रोटी बनाना वर्जित माना जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कब मनाई जाएगी नाग पंचमी (Nag Panchami Muhurat)

    सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारम्भ 28 जुलाई को रात 11 बजकर 24 मिनट पर हो रहा है। वहीं पंचमी तिथि का समापन 30 जुलाई को देर रात 12 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में नाग पंचमी मंगलवार 29 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन पर शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

    नाग पंचमी पूजा मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 08 बजकर 49 मिनट तक

    (Picture Credit: Freepik)

    जरूर करें ये काम

    नाग पंचमी के दिन नाग देवता के साथ-साथ शिव जी की आराधना करना भी काफी शुभ माना जाता है। ऐसे में इस दिन पर शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए। इसी के साथ नाग पंचमी के दिन जरूरतमंदों को दान आदि करना भी काफी शुभ माना गया है।

    अगर किसी व्यक्ति को कालसर्प दोष सता रहा है, तो इसके लिए उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए और उनके मंत्रों का जप करना चाहिए। इससे आपको कालसर्प दो से राहत मिल सकती है।

    यह भी पढ़ें - Mahesh Navami 2025: महेश नवमी कब है? यहां दूर करें सही डेट का कन्फ्यूजन

    (Picture Credit: Freepik)

    1. नाग पंचमी पूजा मंत्र -

    सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।

    ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥

    ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।

    ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥

    2. ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।

    3. ॐ नगपति नम:

    ॐ व्याल नम:

    ॐ अहि नम:

    ॐ विषधर नम:

    ॐ शैल नम:

    ॐ भूधर नम:

    ॐ सर्पाय नमः

    यह भी पढ़ें - Mesh Sankranti 2025: अप्रैल महीने में कब है मेष संक्रांति? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।