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Mohini Ekadashi 2024: भगवान शालिग्राम को अर्पित करें ये चीजें, दूर होंगे जीवन के सभी दुख, बनेंगे बिगड़े काम

मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2024) के दिन श्री हरि विष्णु की पूजा होती है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन शालिग्राम पूजन का भी अपना एक खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें धन-दौलत की प्राप्ति होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Fri, 17 May 2024 03:00 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2024 03:00 PM (IST)
Mohini Ekadashi 2024: शालिग्राम की पूजा का महत्व -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mohini Ekadashi 2024: हिन्दू धर्म में मोहिनी एकादशी बहुत ही पावन तिथि मानी गई है। एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं, जिसमें सभी का अपना-अपना महत्व है। ऐसा कहा जाता है इस पवित्र व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ पापों का नाश होता है। इस बार मोहिनी एकादशी 19 मई, 2024 दिन रविवार को मनाई जाएगी।

इस अवसर पर शालिग्राम की पूजा का भी बहुत अधिक महत्व है। वहीं, इस दिन अगर भगवान शालिग्राम पर कुछ खास चीजें अर्पित की जाएं, तो जीवन में शुभता का आगमन होता है।

गोपी चंदन चढ़ाएं

मोहिनी एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम की पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है उनका स्नान कराने के बाद उन्हें गोपी चंदन का लेप लगाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं। साथ ही जीवन में सुख- शांति बनी रहती है। इसलिए इस दिन शालिग्राम जी का चंदन लेपन जरूर करें।

पंचामृत चढ़ाएं

मोहिनी एकादशी पर शालिग्राम भगवान को पंचामृत अवश्य चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि शालिग्राम भगवान को पंचामृत चढ़ाने से वो प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां समाप्त होती हैं, लेकिन इस बाद ध्यान रखें कि पंचामृत में तुलसी पत्र अवश्य डालें।

अक्षत और तुलसी पत्र चढ़ाएं

मोहिनी एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम को अक्षत जरूर चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस तिथि पर शालिग्राम जी को चावल अवश्य चढ़ाएं। ऐसा करने से आर्थिक मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।


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