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    Mesh Sankranti 2024: मेष संक्रांति पर दुर्लभ शोभन योग का हो रहा है निर्माण, करियर को मिलेगा नया आयाम

    Mesh Sankranti 2024 ज्योतिषियों की मानें तो आत्मा के कारक सूर्य देव 13 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। इसके बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। मेष संक्रांति के दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 08 Apr 2024 08:58 PM (IST)
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    Mesh Sankranti 2024: मेष संक्रांति पर दुर्लभ शोभन योग का हो रहा है निर्माण

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mesh Sankranti 2024: संक्रांति तिथि सूर्य देव को समर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वर्तमान समय में सूर्य देव मीन राशि में विराजमान हैं और जल्द ही मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। मेष राशि में गोचर करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाएंगे। ज्योतिषियों की मानें तो मेष संक्रांति तिथि पर दुर्लभ शोभन योग का निर्माण हो रहा है। वर्षों बाद मेष संक्रांति तिथि पर शोभन योग का संयोग बना है। इस योग में सूर्य देव की पूजा-उपासना करने से करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। आइए, योग और गोचर के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    सूर्य राशि परिवर्तन

    ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 13 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव एक राशि में 30 दिनों तक रहते हैं। इसके बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस तरह एक महीना मेष राशि में रहने के बाद सूर्य देव वृषभ राशि में गोचर करेंगे। मेष संक्रांति के दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 38 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक है।

    शोभन योग

    ज्योतिषियों की मानें तो मेष संक्रांति पर दुर्लभ शोभन योग का संयोग बन रहा है। शोभन योग दिन भर है। वहीं, शोभन योग का समापन देर रात 12 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस योग में सूर्य देव की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही करियर को भी नया आयाम मिलता है।

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर

    चंद्रास्त- चंद्रास्त देर रात 12 बजकर 03 मिनट पर

    पंचांग

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 13 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

    अशुभ समय

    राहुकाल - सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक

    गुलिक काल - सुबह 05 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 34 मिनट तक

    दिशा शूल - पूर्व

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    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।