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    Skanda Sashti 2025: मई महीने में कब है स्कंद षष्ठी? एक क्लिक में पढ़ें शुभ मुहूर्त और योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 20 Apr 2025 06:34 PM (IST)

    स्कंद षष्ठी पर्व(Skanda Sashti 2025 Date) भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। भगवान कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति कहा जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से जातक को विषम परिस्थिति से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

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    Skanda Sashti 2025: भगवान कार्तिकेय की कैसे पूजा करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में स्कंद षष्ठी पर्व का खास महत्व है। यह पर्व पूर्णतया भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। इस दिन भक्ति भाव से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान कार्तिकेय के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं। आइए, स्कंद षष्ठी (Skanda Sashti 2025) का शुभ मुहूर्त, महत्व, योग एवं मंत्र जानते हैं-

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    स्कन्द षष्ठी शुभ मुहूर्त

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 02 मई को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि शुरू होगी। वहीं, 03 मई को सुबह 07 बजकर 51 मिनट पर वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 02 मई को स्कंद षष्ठी मनाई जाएगी।

    स्कन्द षष्ठी शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से हो रहा है। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग का समापन 03 मई को सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर होगा। साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है।रवि योग पूर्ण रात्रि तक है। इसके अलावा, शिववास योग और अभिजीत मुहूर्त योग बन रहा है। इन योग में भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी दुख एवं कलेशा दूर हो जाते हैं।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 57 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 17 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।