Masik Shivratri 2025: आज है मासिक शिवरात्रि, नोट करें पूजा विधि, भोग और मंत्र
हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025) का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन साधक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा मा ...और पढ़ें

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धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी 26 अप्रैल, 2025 को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025) भाव के साथ मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत के लिए बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, तो आइए इस आर्टिकल में भगवान शिव की पूजा विधि जानते हैं, जो इस प्रकार है।
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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri 2025 Puja Vidhi)
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- व्रत करने का संकल्प लें।
- घर के मंदिर में या किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
- अभिषेक के लिए आप दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल (विशेषकर सफेद), धतूरा और भांग अर्पित करें।
- धूप और दीप जलाएं।
- शिव जी को खीर, ठंडई और ऋतु फल अर्पित करें।
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
- मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा का पाठ करें।
- शिव चालीसा का पाठ करें।
- अंत में आरती करें और पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
- भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग लगाएं।
भगवान शिव के भोग (Masik Shivratri 2025 Bhog)
खीर, फल, सफेद, मिठाई, पंचामृत आदि।
भगवान शिव पूजा मंत्र ( Masik Shivratri 2025 Puja Mantra)
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ नमो नीलकण्ठाय
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
मासिक शिवरात्रि का महत्व (Masik Shivratri 2025 Significance)
मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन भगवान शिव के विभिन्न मंत्रों का जाप करना चाहिए। मंत्रों का जाप श्रद्धापूर्वक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं।
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