Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर शुभ और साध्य समेत बन रहे हैं ये योग, मिलेगा दोगुना लाभ
सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025 Yoga) का खास महत्व है। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शादी जल्द हो जाती है। जबकि सामान्य जन के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। मासिक शिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव का रुद्राभिषेक किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 27 मार्च को मासिक शिवरात्रि है। यह पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
ज्योतिषियों की मानें तो मासिक शिवरात्रि के दिन एक साथ कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, मासिक शिवरात्रि Masik Shivratri 2025) की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-
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मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 27 मार्च को देर रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगी। वहीं, 28 मार्च को शाम 07 बजकर 55 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। इसके लिए 27 मार्च को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
मासिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri Shubh Yog)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी मासिक शिवरात्रि पर सुबह 09 बजकर 25 मिनट तक साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इसके बाद शुभ योग का संयोग है। शुभ योग का संयोग 28 मार्च को सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक है।
इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का शुभ संयोग दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 12 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं, शतभिषा नक्षत्र का संयोग है और गर एवं वणिज करण के योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 36 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 58 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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