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    Masik Shivratri 2025: मार्च महीने में कब है मासिक शिवरात्रि? यहां जानें शुभ मुहूर्त एवं योग

    सनातन धर्म में चैत्र महीना जगत की देवी मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस महीने में चैत्र नवरात्र मनाया जाता है। इस दौरान जगत जननी मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्र से पहले मासिक शिवरात्रि पर देवों के देव महादेव (Masik Shivratri 2025) की पूजा की जाती है। इस साल 29 मार्च को चैत्र अमावस्या मनाई जाएगी।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 09 Mar 2025 11:00 PM (IST)
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    Masik Shivratri 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि पर्व का खास महत्व है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है।

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    धार्मिक मत है कि भगवान शिव की पूजा करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शादी शीघ्र हो जाती है। साथ ही मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। साधक श्रद्धा भाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, मासिक शिवरात्रि Masik Shivratri 2025) की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 27 मार्च को देर रात 11 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 28 मार्च को शाम 07 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा होती है। अतः 27 मार्च को चैत्र माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी।

    मासिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri Shubh Yog)

    मासिक शिवरात्रि पर साध्य और शुभ योग का निर्माण हो रहा है। साध्य योग का संयोग 27 मार्च को सुबह 09 बजकर 25 मिनट तक है। इसके बाद शुभ योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी योग है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर एक मनोकामना पूरी होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 36 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 43 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 58 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।