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    Masik Shivratri 2024: भाद्रपद महीने में कब है मासिक शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

    शिव पुराण में निहित है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) पर शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक को मृत्यु लोक में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं। साथ ही मनचाहा वर मिलता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 21 Aug 2024 02:20 PM (IST)
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    Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा (Masik Shivratri Puja Vidhi) की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं एवं कुंवारी लड़कियां करती हैं। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए, मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 02 सितंबर को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा होती है। अतः 01 सितंबर को भाद्रपद माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी।

    मासिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri Shubh Yog )

    मासिक शिवरात्रि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 51 मिनट से हो रहा है। शिव योग का समापन संध्याकाल 06 बजकर 20 मिनट पर होगा। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट पर

    चन्द्रोदय- सुबह 05 बजकर 50 मिनट पर ( 02 सितंबर)

    चंद्रास्त- शाम 06 बजे...

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।