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    Masik Krishna Janmashtami 2025: ज्येष्ठ माह में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? ये है पूजा का शुभ मुहूर्त

    Updated: Sat, 26 Apr 2025 05:33 PM (IST)

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2025) के दिन भक्त लड्डू गोपाल का विशेष चीजों का द्वारा अभिषेक करते हैं और माखन मिश्री (Laddu Gopal Bhog) समेत आदि चीजों का भोग लगाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार लड्डू गोपाल की सेवा करने से जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही लड्डू गोपाल की कृपा प्राप्त होती है।

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    लड्डू गोपाल को लगाएं इन चीजों का भोग (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2025) का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इसी वजह से इस तिथि पर हर महीने में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन लड्डू गोपाल की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। चलिए जानते हैं कि ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।

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    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त (Masik Krishna Janmashtami 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 मई को शाम 05 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 मई को सुबह 04 बजकर 55 मिनट पर तिथि खत्म होगी। इस प्रकार से मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 20 मई को मनाया जाएगा।

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    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर

    चंद्रोदय - देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - रात 07 बजकर 07 मिनट से शाम 07 बजकर 27 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से देर रात 12 बजकर 28 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक

    लगाएं इन चीजों का भोग

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इसके बाद लड्डू गोपाल को खीर, माखन मिश्री, मिठाई और फल का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। साथ ही भोग मंत्र का जप करें। माना जाता है कि भोग में तुलसी के पत्ते शामिल न करने से प्रभु भोग को स्वीकार नहीं करते हैं।

    भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र

    1. ॐ कृष्णाय नमः

    2. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।

    हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।

    3. ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः

    4. ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात

    5. ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।

    सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।