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    Masik Krishna Janmashtami की पूजा में करें इन मंत्रों का जप, नहीं सताएगा कोई कष्ट

    Updated: Tue, 18 Feb 2025 05:24 PM (IST)

    हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Janmashtami 2025) मनाई जाती है। इस दिन पर कई साधक व्रत आदि भी करते हैं जिससे भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में साल 2025 की दूसरी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर इस तरह कान्हा जी की कृपा के पात्र बन सकते हैं।

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    Masik Krishna Janmashtami 2025 मासिक जन्माष्टमी पर करें कान्हां जी के 108 नामों का जप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माना जाता है कि, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप फाल्गुन माह की आने वाली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर आप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना के दौरान उनके 108 नामों का जप जरूर करें। 

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    पूजा का मुहूर्त (Masik Janmashtami Shubh Muhurat)

    फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर शुरू होने जा रही है। वहीं इस तिथि का समापन 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व गुरुवार, 20 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा मध्य रात्रि में करने का विधान है, इसलिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 00 मिनट से रात्रि 01 बजे तक

    भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम

    1. ॐ परात्पराय नमः।

    2. ॐ सर्वग्रह रुपिणे नमः।

    3. ॐ सर्वभूतात्मकाय नमः।

    4. ॐ दयानिधये नमः।

    5. ॐ वेदवेद्याय नमः।

    6. ॐ तीर्थकृते नमः।

    7. ॐ पुण्य श्लोकाय नमः।

    8. ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः।

    9. ॐ परब्रह्मणे नमः।

    10. ॐ नारायणाय नमः।

    11. ॐ दानवेन्द्र विनाशकाय नमः।

    12. ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः।

    13. ॐ दामोदराय नमः।

    14. ॐ गीतामृत महोदधये नमः।

    15. ॐ अव्यक्ताय नमः।

    16. ॐ पार्थसारथये नमः।

    17. ॐ बर्हिबर्हावतंसकाय नमः।

    18. ॐ युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे नमः।

    19. ॐ बाणासुर करान्तकाय नमः।

    20. ॐ वृषभासुर विध्वंसिने नमः।

    21. ॐ वेणुनाद विशारदाय नमः।

    22. ॐ जगन्नाथाय नमः।

    23. ॐ जगद्गुरवे नमः।

    24. ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः।

    25. ॐ विष्णवे नमः।

    26. ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः।

    27. ॐ जयिने नमः।

    28. ॐ सत्यभामारताय नमः।

    29. ॐ सत्य सङ्कल्पाय नमः।

    मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की पा प्राप्ति का एक बेहतर अवसर है। ऐसे में आप इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों का जप कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

    30. ॐ सत्यवाचे नमः।

    31. ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः।

    32. ॐ विदुराक्रूर वरदाय नमः।

    33. ॐ दुर्येधनकुलान्तकाय नमः।

    34. ॐ शिशुपालशिरश्छेत्रे नमः।

    35. ॐ कृष्णाव्यसन कर्शकाय नमः।

    36. ॐ अनादि ब्रह्मचारिणे नमः।

    37. ॐ नाराकान्तकाय नमः

    38. ॐ मुरारये नमः।

    39. ॐ कंसारये नमः।

    40. ॐ संसारवैरिणे नमः।

    41. ॐ परमपुरुषाय नमः।

    42. ॐ मायिने नमः।

    43. ॐ कुब्जा कृष्णाम्बरधराय नमः।

    44. ॐ नरनारयणात्मकाय नमः।

    45. ॐ स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे नमः।

    46. ॐ तुलसीदाम भूषनाय नमः।

    47. ॐ बृन्दावनान्त सञ्चारिणे नमः।

    48. ॐ बलिने नमः।

    49. ॐ द्वारकानायकाय नमः।

    50. ॐ मथुरानाथाय नमः।

    51. ॐ मधुघ्ने नमः।

    52. ॐ कञ्जलोचनाय नमः।

    53. ॐ कामजनकाय नमः।

    54. ॐ निरञ्जनाय नमः।

    55. ॐ अजाय नमः।

    56. ॐ सर्वपालकाय नमः।

    57. ॐ गोपालाय नमः।

    58. ॐ गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे नमः।

    59. ॐ पारिजातापहारकाय नमः

    60. ॐ पीतवसने नमः।

    61. ॐ वनमालिने नमः।

    62. ॐ वनमालिने नमः।

    63. ॐ यादवेंद्राय नमः।

    64. ॐ यदूद्वहाय नमः।

    65. ॐ यादवेंद्राय नमः।

    66. ॐ परंज्योतिषे नमः।

    67. ॐ इलापतये नमः।

    68. ॐ कोटिसूर्यसमप्रभाय नमः।

    69. ॐ योगिने नमः।

    70. ॐ गोपगोपीश्वराय नमः।

    (Picture Credit: Freepik)

    इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर आप कान्हा जी को जो भी भोग लगाएं उसमें तुलसी दल जरूर डालें। क्योंकि तुलसी के बिना कान्हा जी का भोग अधूरा माना जाता है। आप माखन-मिश्री का भोग लगाकर श्रीकृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं।

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    71. ॐ तमालश्यामलाकृतिये नमः।

    72. ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः।

    73. ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः।

    74. ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः।

    75. ॐ धेनुकासुरभञ्जनाय नमः।

    76. ॐ अनन्ताय नमः।

    77. ॐ वत्सवाटिचराय नमः।

    78. ॐ योगिनांपतये नमः।

    79. ॐ गोविन्दाय नमः।

    80. ॐ शुकवागमृताब्दीन्दवे नमः।

    81. ॐ मधुराकृतये नमः।

    82. ॐ त्रिभङ्गिने नमः।

    83. ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः।

    84. ॐ मुचुकुन्दप्रसादकाय नमः।

    85. ॐ नवनीतनटनाय नमः।

    86. ॐ नवनीतविलिप्ताङ्गाय नमः।

    87. ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः।

    88. ॐ नन्दव्रजजनानन्दिने नमः।

    89. ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः।

    90. ॐ पूतनाजीवितहराय नमः।

    91. ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः।

    92. ॐ यमुनावेगासंहारिणे नमः।

    93. ॐ नन्दगोपप्रियात्मजाय नमः।

    94. ॐ श्रीशाय नमः।

    95. ॐ देवकीनन्दनाय नमः।

    96. ॐ सङ्खाम्बुजायुदायुजाय नमः।

    97. ॐ चतुर्भुजात्तचक्रासिगदा नमः।

    98. ॐ हरिये नमः।

    99. ॐ यशोदावत्सलाय नमः।

    100. ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः।

    101. ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः।

    102. ॐ पुण्याय नमः।

    103. ॐ वसुदेवात्मजाय नमः।

    104. ॐ सनातनाय नमः।

    105. ॐ वासुदेवाय नमः।

    106. ॐ कमलनाथाय नमः।

    107. ॐ कृष्णाय नमः।

    108. ॐ ॐ अनंताय नमः।

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