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    Margashirsha Month 2025: मार्गशीर्ष महीने में क्या करें और क्या नहीं? जरूर ध्यान दें ये बातें

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 04:02 PM (IST)

    मार्गशीर्ष महीना (Margashirsha Month 2025) भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक पवित्र माह है, जो 6 नवंबर 2025 से शुरू हो रहा है। इस दौरान भगवान कृष्ण की पूजा और दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस माह को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, आइए उन्हें जानते हैं।

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    Margashirsha Month 2025: मार्गशीर्ष महीने के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष महीना बेहद पावन माना जाता है। यह भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। इस साल इस महीने की शुरुआत 6 नवंबर 2025, दिन गुरुवार से होगी। इस पूरे महीने में भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण की पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। हालांकि, किसी भी पवित्र महीने में पूजा का पूर्ण फल पाने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता है, तो आइए जानते हैं मार्गशीर्ष महीने (Margashirsha Month 2025) में क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए?

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    मार्गशीर्ष महीने में क्या करें? (Do's)

    • मार्गशीर्ष महीना श्री हरि का ही प्रतीक है। ऐसे में प्रतिदिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप (लड्डू गोपाल) की पूजा करें।
    • इस माह में नदी स्नान, विशेषकर यमुना या गंगा में, को अमृत स्नान के समान माना गया है। इससे पापों का नाश होता है।
    • तुलसी के पौधे, घर के मुख्य द्वार और मंदिर में नियमित रूप से दीपक जलाएं। इससे माता लक्ष्मी खुश होती हैं।
    • इस पूरे माह गीता का पाठ, खासकर एकादशी और पूर्णिमा पर, करने से ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
    • इस दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, गुड़, कम्बल या तिल का दान करें। इससे सभी कष्ट दूर होते हैं।
    • इस माह में शंख की पूजा करने और उसे बजाने से घर में शांति और समृद्धि आती है, क्योंकि शंख भगवान विष्णु को प्रिय है।

    मार्गशीर्ष महीने में क्या नहीं करें? (Don'ts)

    • मार्गशीर्ष माह में बासी या ठंडा भोजन नहीं करना चाहिए। सात्विक और ताजा भोजन ही ग्रहण करें।
    • इस माह में प्रतिदिन शरीर पर तेल की मालिश करने से बचना चाहिए।
    • इस पवित्र माह में किसी भी के प्रति क्रूरता न दिखाएं और न ही किसी को अपशब्द कहें। सात्विक विचार रखें।
    • कई क्षेत्रों में इस माह में जीरे का प्रयोग वर्जित माना जाता है। इसके स्थान पर धनिया और मेथी का उपयोग किया जा सकता है।
    • इस दौरान तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखें।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।