Margashirsha Amavasya 2025: ये लक्षण पितृ दोष का देते हैं संकेत, इन उपाय से पितरों को करें प्रसन्न
हर महीने में अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और पितरों की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2025) के दिन कैसे करें पितरों (Pitra Dosh ke Upay) को प्रसन्न।
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Margashirsha Amavasya 2025: अमावस्या पर कैसे करें पितरों को प्रसन्न (Pic Credit- Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या (Margashirsha Amavasya 2025 Date) मनाई जाएगी। अमावस्या का दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन में सभी सुख मिलते हैं। साथ ही पितरों की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष लगने पर जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन इस आर्टिकल में बताए गए उपाय को जरूर करें। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी और शुभ फल प्राप्त होगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 डेट और Time (Margashirsha Amavasya 2025 Date and Time)
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि की शुरुआत- 19 नवंबर को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि का समापन- 20 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर
पितृ होंगे प्रसन्न
पितृ दोष (Pitra Dosh ke Upay in Hindi) से मुक्ति पाने के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म करें। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
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(Pic Credit- Freepik)
पीपल के पेड़ के पास जलाएं दीपक
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने के बाद पेड़ की 5 या 7 बार परिक्रमा लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से दोष से मुक्ति मिलती है।
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सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए अमावस्या के दिन मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।
पितृ के लक्षण
- घर में लड़ाई-झगड़ा होना।
- संतान प्राप्ति में समस्या आना।
- कारोबार में गिरावट आना।
- तुलसी का अचानक से सूख जाना।
- विवाह में देरी का सामना करना।
- आर्थिक तंगी।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
- परिवार में छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होना।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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