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    Mangalwar ke Upay: मंगलवार के दिन जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, बजरंगबली होंगे प्रसन्न

    हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। अगर आप इस दिन हनुमत पंचरत्नम का पाठ करते हैं तो इससे आपको जीवन में अद्भुत परिणाम देखने को मिल सकते हैं। माना जाता है कि कि हनुमान जी की पूजा में इसका पाठ करने से जातक को मंगल दोष से राहत देखने को मिल सकती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Mon, 14 Apr 2025 11:30 PM (IST)
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    Mangalwar ke Upay इस काम से हनुमान जी की मिलेगी कृपा। (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि मंगलवार के दिन श्रीराम भक्त हनुमान जी की आराधना करने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। ऐसे में आप इस दिन पर हनुमत पंचरत्नम का पाठ कर सकते हैं, जो आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित है।

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    इस दिन हनुमान जी की पूजा के दौरान प्रभु श्रीराम का ध्यान और उनके मंत्रों का जप करने से भी आपको लाभ देखने को मिल सकता है। हनुमान चालीसा के साथ-साथ श्रीहनुमत पंचरत्नम का पाठ करने से भी आपको जीवन की कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। तो चलिए पढ़ते हैं श्रीहनुमत पंचरत्नम।

    श्रीहनुमत पंचरत्नम

    वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् ।

    सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥१॥

    तरुणारुण मुख-कमलं करुणा-रसपूर-पूरितापाङ्गम् ।

    सञ्जीवनमाशासे मञ्जुल-महिमानमञ्जना-भाग्यम् ॥२॥

    शम्बरवैरि-शरातिगमम्बुजदल-विपुल-लोचनोदारम् ।

    कम्बुगलमनिलदिष्टम् बिम्ब-ज्वलितोष्ठमेकमवलम्बे ॥३॥

    मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करते समय आप श्री हनुमत पंचरत्नम स्तोत्र का पाठ भी जरूर करें। इस स्तोत्र में हनुमान जी की विशेषताओं का वर्णन किया गया है। ऐसे में अगर आप हनुमान जी की पूजा में खासकर मंगलवार के दिन हनुमत पंचरत्नम का पाठ करते हैं, तो इससे आपके ग्रह दोष के बुरे प्रभाव से भी राहत मिल सकती है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

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    दूरीकृत-सीतार्तिः प्रकटीकृत-रामवैभव-स्फूर्तिः ।

    दारित-दशमुख-कीर्तिः पुरतो मम भातु हनुमतो मूर्तिः ॥४॥

    वानर-निकराध्यक्षं दानवकुल-कुमुद-रविकर-सदृशम् ।

    दीन-जनावन-दीक्षं पवन तपः पाकपुञ्जमद्राक्षम् ॥५॥

    एतत्-एतत्पवन-सुतस्य स्तोत्रं

    यः पठति पञ्चरत्नाख्यम् ।

    चिरमिह-निखिलान् भोगान् भुङ्क्त्वा

    श्रीराम-भक्ति-भाग्-भवति ॥६॥

    इति श्रीमच्छंकर-भगवतः

    कृतौ हनुमत्-पञ्चरत्नं संपूर्णम् ॥

    हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है, क्योंकि वह अपने भक्तों के सभी संकट हर लेते हैं। इसलिए रोजाना खासकर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की आराधना जरूर करनी चाहिए। इससे जातक कई तरह के संकटों से मुक्ति पा सकता है। 

    हनुमान जी के मंत्र

    1. ॐ श्री हनुमते नमः॥

    2. मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्।

    वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥

    3. हनुमान गायत्री मंत्र -

    ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।

    तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।