Mangala Gauri Vrat 2025: आज है मंगला गौरी व्रत, जानें पूजा विधि से जुड़ी सभी जानकारी
मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat 2025) सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और संतान सुख की कामना के लिए रखा जाता है। इसे कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। इस व्रत का पालन करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangala Gauri Vrat 2025: आज यानी 22 जुलाई, 2025 को मंगला गौरी का दूसरा व्रत रखा जा रहा है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु और संतान सुख की कामना के लिए रखा जाता है। वहीं, कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं, तो आइए इस व्रत से जुड़ी कुछ खास बातों को इस आर्टिकल में जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
मंगला गौरी व्रत का धार्मिक महत्व (Mangala Gauri Vrat 2025 Significance)
शास्त्रों के अनुसार, मंगला गौरी व्रत का पालन करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है। यह व्रत संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को भी दूर करने वाला माना जाता है, जो महिलाएं इस व्रत को भाव के साथ रखती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
पूजा सामग्री (Mangala Gauri Vrat 2025 Puja Samagri)
- लाल रंग का कपड़ा
- कुमकुम, सिंदूर, हल्दी
- चावल
- फूल (विशेष रूप से लाल रंग के)
- फल
- पान-सुपारी
- लौंग, इलायची
- सुहाग का सामान (चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल, आदि)
- नारियल
- कलावा
- दीपक और घी
- अगरबत्ती
- कपूर
पूजा विधि (Mangala Gauri Vrat 2025 Puja Vidhi)
- ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें।
- लाल रंग के कपड़े पहनें।
- इसके बाद पूजा घर को साफ करें।
- एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और माता मंगला गौरी की प्रतिमा स्थापित करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- माता गौरी को 16 शृंगार की सामग्री, सूखे मेवे, फल, मिठाई, फूल, कुमकुम, पान, सुपारी, लौंग, इलायची और सोलह दीये अर्पित करें।
- मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें और 'ओम गौरी शंकराय नमः' मंत्र का 108 बार जप करें।
- अंत में विधि-विधान से माता गौरी की आरती करें।
व्रत के नियम (Mangala Gauri Vrat 2025 Rules)
इस दिन भोजन न खाने का विधान है। शाम को पूजा के बाद फलाहार कर सकते हैं। व्रत में नमक का सेवन गलती से भी न करें। व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें। व्रती मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ जरूर करें। इस दिन तामसिक चीजों का पालन गलती सो भी न करें। इस दिन काले कपड़े न पहनें। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करें।
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