Mangal Dosh: कुंडली में कब लगता है अंगारक और मंगल दोष और कैसे किया जाता है दूर?
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में मंगल (Mangal Dosh Upay) मजबूत होने से जातक ऊर्जावान रहता है। वहीं मंगल कमजोर होने से जातक शक्तिहीन हो जाता है। साथ ही रक्त संबंधी परेशानी होती है। हर मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है। रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनचाहा लाभ मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव को ऊर्जा का कारक माना जाता है। कुंडली में मंगल मजबूत होने से जातक को करियर में मनमुताबिक सफलता मिलती है। मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देव हैं और आराध्य हनुमान जी हैं। हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है। मकर राशि के जातकों पर मंगल देव की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से मकर राशि के जातकों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुंडली में मंगल और अंगारक दोष कब लगता है? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
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मंगल दोष कैसे लगता है (Manglik Dosh kya hota hai)
ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में मंगल के पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में रहने पर जातक मांगलिक होता है। गुरु और शुक्र के साथ रहने और स्वराशि के साथ रहने पर मंगल दोष का परिहार हो जाता है। मंगल दोष का विचार योग्य ज्योतिष से कराना चाहिए। मंगल से पीड़ित जातक की शादी में देर होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी परेशानी आती है।
अंगारक दोष कैसे लगता है
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। मायावी ग्रह राहु और केतु के मंगल के साथ युति होने पर कुंडली में अंगारक दोष बनता है। इस दोष से पीड़ित जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। करियर और कारोबार में विषम परिस्थिति पैदा हो जाती है।
मंगल दोष के उपाय (Mangal Dosh Ke Upay)
मंगल और अंगारक दोष से निजात पाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। इसके साथ ही मंगलवार के दिन लाल रंग की चीजों का दान करें। वहीं, प्रबल मांगलिक होने पर निवारण अनिवार्य है। मंगलवार का व्रत रखें। इस व्रत को करने से मंगल का प्रभाव कम होता है। वहीं, अंगारक दोष से निजात पाने के लिए सोमवार के दिन गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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