Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर ऐसे करें भगवान सूर्य को प्रसन्न, चमक जाएगी किस्मत, बरसेगा धन!
मकर संक्रांति का त्योहार बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल यह पर्व 14 जनवरी यानी कल मनाया जाएगा। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में गोचर करते हैं। कहते हैं कि इस दिन (Makar Sankranti 2025) सूर्य की उपासना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही अपार यश मिलता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति भी है। इस दिन सूर्य देव की पूजा होती है। साथ ही यह वह दिन है, जब भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और खिचड़ी खाने और दान करने की परंपरा है। इसके अलावा इस शुभ अवसर (Makar Sankranti 2025) सूर्य देव की खास पूजा होती है, जिससे जीवन खुशहाल रहता है। वहीं, इस दिन सूर्य देव के 108 नामों का जाप भी बहुत मंगलकारी माना गया है।
सूर्य पूजन नियम (Surya Dev Puja Vidhi )
- सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें।
- फिर लाल रंग के कपड़े धारण करें।
- फिर एक लोटे में शुद्ध जल, रोली, तिल और फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- सूर्य देव के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- आरती से पूजा का समापन करें।
- पिता का आशीर्वाद लें।
।।सूर्य देव के 108 नाम।।
- ॐ अरुणाय नमः
- ॐ शरण्याय नमः
- ॐ करुणारससिन्धवे नमः
- ॐ असमानबलाय नमः
- ॐ आर्तरक्षकाय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ आदिभूताय नमः
- ॐ अखिलागमवेदिने नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ अखिलज्ञाय नमः
- ॐ अनन्ताय नमः
- ॐ इनाय नमः
- ॐ विश्वरूपाय नमः
- ॐ इज्याय नमः
- ॐ इन्द्राय नमः
- ॐ भानवे नमः
- ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः
- ॐ वन्दनीयाय नमः
- ॐ ईशाय नमः
- ॐ सुप्रसन्नाय नमः
- ॐ सुशीलाय नमः
- ॐ सुवर्चसे नमः
- ॐ वसुप्रदाय नमः
- ॐ वसवे नमः
- ॐ वासुदेवाय नमः
- ॐ उज्ज्वल नमः
- ॐ उग्ररूपाय नमः
- ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
- ॐ विवस्वते नमः
- ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
- ॐ हृषीकेशाय नमः
- ॐ ऊर्जस्वलाय नमः
- ॐ वीराय नमः
- ॐ निर्जराय नमः
- ॐ जयाय नमः
- ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः
- ॐ ऋषिवन्द्याय नमः
- ॐ रुग्घन्त्रे नमः
- ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः
- ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः
- ॐ नित्यस्तुत्याय नमः
- ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः
- ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः
- ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
- ॐ पुष्कराक्षाय नमः
- ॐ लुप्तदन्ताय नमः
- ॐ शान्ताय नमः
- ॐ कान्तिदाय नमः
- ॐ घनाय नमः
- ॐ कनत्कनकभूषाय नमः
- ॐ खद्योताय नमः
- ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः
- ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः
- ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
- ॐ आर्तशरण्याय नमः
- ॐ एकाकिने नमः
- ॐ भगवते नमः
- ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
- ॐ गुणात्मने नमः
- ॐ घृणिभृते नमः
- ॐ बृहते नमः
- ॐ ब्रह्मणे नमः
- ॐ ऐश्वर्यदाय नमः
- ॐ शर्वाय नमः
- ॐ हरिदश्वाय नमः
- ॐ शौरये नमः
- ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः
- ॐ भक्तवश्याय नमः
- ॐ ओजस्कराय नमः
- ॐ जयिने नमः
- ॐ जगदानन्दहेतवे नमः
- ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः
- ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
- ॐ असुरारये नमः
- ॐ कमनीयकराय नमः
- ॐ अब्जवल्लभाय नमः
- ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः
- ॐ अचिन्त्याय नमः
- ॐ आत्मरूपिणे नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ अमरेशाय नमः
- ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः
- ॐ अहस्कराय नमः
- ॐ रवये नमः
- ॐ हरये नमः
- ॐ परमात्मने नमः
- ॐ तरुणाय नमः
- ॐ वरेण्याय नमः
- ॐ ग्रहाणांपतये नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः
- ॐ सौख्यप्रदाय नमः
- ॐ सकलजगतांपतये नमः
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ कवये नमः
- ॐ नारायणाय नमः
- ॐ परेशाय नमः
- ॐ तेजोरूपाय नमः
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
- ॐ सम्पत्कराय नमः
- ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः
- ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः
- ॐ श्रीमते नमः
- ॐ श्रेयसे नमः
- ॐ सौख्यदायिने नमः
- ॐ दीप्तमूर्तये नमः
- ॐ निखिलागमवेद्याय नमः
- ॐ नित्यानन्दाय नमः
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