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    Mahesh Navami 2025: रवि योग समेत कई मंगलकारी संयोग में मनाई जाएगी महेश नवमी, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 01 Jun 2025 03:10 PM (IST)

    हर साल निर्जला एकादशी से दो दिन पहले महेश नवमी (Mahesh Navami 2025) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव की पूजा एवं भक्ति करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सभी दुख और संकट यथाशीघ्र दूर हो जाते हैं।

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    Mahesh Navami 2025: महेश नवमी पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस दिन महेश नवमी मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। महादेव की पूजा एवं भक्ति करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

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    ज्योतिषियों की मानें तो कई मंगलकारी योग में महेश नवमी मनाई जाएगी। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए, महेश नवमी की डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    महेश नवमी शुभ मुहूर्त (Mahesh Navami 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 04 जून को महेश नवमी है। वहीं, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 03 जून को रात 09 बजकर 56 मिनट पर होगी। वहीं, 04 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर नवमी तिथि समाप्त होगी।

    रवि योग

    ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर रवि योग का संयोग दिन भर है। इस योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही साधक को करियर और कारोबार में सफलता मिलेगी।

    शिववास योग

    महेश नवमी पर दुर्लभ शिववास योग का संयोग दिन भर है। इस दौरान भगवान शिव कैलाश पर रहेंगे। कहते हैं कि भगवान शिव के कैलाश पर रहने के दौरान अभिषेक करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में आने वाली बलाएं टल जाती हैं।

    नक्षत्र एवं चरण

    महेश नवमी पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है। साथ ही बालव एवं कौलव करण के संयोग हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करना उत्तम माना जाता है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
    • चंद्रोदय- शाम 08 बजकर 35 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 36 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।