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    Mahakumbh 2025: इस देवता की गलती से आस्था का केंद्र बन गया महाकुंभ, समुद्र मंथन से है गहरा नाता

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 02:07 PM (IST)

    जल्द ही महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है। साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन सोमवार 13 जनवरी से होने जा रहा है। यह लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र बना हुआ है जिसमें करोड़ों की संख्या में भीड़ जुटने का अनुमान है। यह महाकुंभ इसलिए भी खास होने वाला है क्योंकि इसका आयोजन 144 वर्षों बाद होने जा रहा है।

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    Mahakumbh history क्यों होता है महाकुंभ का आयोजन?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में महाकुंभ (Maha kumbh 2025) किसी पर्व से कम नहीं है। इसे लेकर यह मान्यता है कि जो भी व्यक्ति महाकुंभ में स्नान करता है, उसके सभी पाप धुल जाते हैं और उसे जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।

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    कुंभ से संबंधित एक प्रचलित दंतकथा भी मिलती है, जिसके अनुसार चंद्रमा द्वारा की गई एक गलती की वजह से कुंभ का आयोजन होता है। हालांकि इस कथा का वर्णन पुराणों में नहीं मिलता। बल्कि इस दंतकथा का वर्णन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्राचीन इतिहास के प्रोफेसर डॉ. डी.पी. दुबे की पुस्तक कुंभ मेला: पिलग्रिमेज टू द ग्रेटेस्ट कॉस्मिक फेयर’ में किया गया है। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

    दंतकथा के अनुसार (Maha kumbh 2025 significance)

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार अमृत पाने की चाह में देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ। इस दौरान कई तरह के रत्नों की उत्पत्ति हुई, जिन्हें सहमति के साथ देवताओं और असुरों ने आपस में बांट लिया। लेकिन जब आखिर में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर बाहर निकले, तो अमृत को पाने के लिए देवताओं और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    चंद्र देव को मिली थी ये जिम्मेदारी

    असुरों से अमृत को बचाने के लिए इंद्र के पुत्र जयंत अमृत कलश लेकर भागने लगे। इस अमृत तो संभालने की जिम्मेदारी चंद्रमा को दी गई थी, लेकिन छीना-झपटी में वह कलश को संभाल नहीं सके, जिस कारण अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिर गईं। आज इन्हीं चार स्थानों पर 12 साल के अंतराल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। इस दंतकथा के अनुसार यह कहा जा सकता है कि चंद्रमा जी की गलती के कारण ही आज महाकुंभ का आयोजन होता है।

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    शाही स्नान की तिथियां (Kumbh 2025 Shahi Snan Dates)

    महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में शाही स्नान की तिथियां कुछ इस प्रकार रहने वाली हैं -

    • सोमवार, 13 जनवरी 2025 - लोहड़ी
    • मंगलवार, 14 जनवरी 2025 - मकर संक्रांति
    • बुधवार, 29 जनवरी 2025 - मौनी अमावस्या
    • सोमवार, 3 फरवरी 2025 - बसंत पंचमी
    • बुधवार, 12 फरवरी 2025 - माघी पूर्णिमा
    • बुधवार, 26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।