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    Mahabharata Yuddh: केवल परशुराम ही नहीं, इन लोगों से भी मिला था कर्ण को श्राप, जो बना उसकी मृत्यु का कारण

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 30 Nov 2023 03:44 PM (IST)

    Mahabharata Yuddha कर्ण महाभारत का एक मुख्य पात्र रहा है। महाभारत के युद्ध में वह अर्जुन की टक्कर का योद्धा था जो कौरवों को युद्ध जीताने की ताकत रखता था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्ण युद्ध में क्यों मारा गया। दरअसल इसके पीछे कर्ण को मिले श्राप हैं। आइए जानते हैं किन-किन लोगों से कर्ण को श्राप मिला है।

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    Mahabharata कर्ण की मृत्यु का कारण बने थे ये श्राप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahabharata: महाभारत का भीषण युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच लड़ा गया था। यह एक ऐसा युद्ध था जो धर्म और अधर्म के बीच लड़ा गया था। जिसके अंत में धर्म यानी पांडवों की विजय हुई थी। कर्ण इस युद्ध का एक ऐसा पात्र था जो कौरवों की जीत का कारण बन सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जिसका कारण कर्ण को मिले कुछ श्राप थे।

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    जब परशुराम को आया क्रोध

    परशुराम कर्ण के गुरु थे। एक दिन परशुराम के साथ कर्ण वन में घूम रहे थे। जब परशुराम थक गए तो कर्ण ने कहा कि, गुरुजी आप मेरी गोद में सिर रखकर आराम कर लीजिए। जब परशुराम आराम कर रहे होते हैं तो वहां एक बिच्छू आ जाता है और वह कर्ण की जांघ पर डंक मारने लगता है। लेकिन फिर भी कर्ण बिल्कुल नहीं हिलता, क्योंकि उसे लगता है कि मेरे हिलने से मेरे गुरु की नींद टूट सकती है।

    लेकिन जब कर्ण की जांघ लहूलुहान हो जाती है तब परशुराम नींद से जाग जाते हैं। तब परशुराम को समझ आता है कि कर्ण ब्राह्मण नहीं हो सकता, क्योंकि एक ब्राह्मण में इतनी सहनशीलता नहीं होती। सच पूछने पर परशुराम को पता चलता है कि कर्ण ने झूठ बोलकर मुझसे विद्या ग्रहण की है। तब क्रोध में आकर परशुराम कर्ण को श्राप देते हैं कि समय आने पर वह अपनी सारी विद्या को भूल जाएगा। यह श्राप कर्ण की हार का कारण बनता है।

    ब्राह्मण ने क्यों दिया था श्राप

    एक बार कर्ण ने अभ्यास के दौरान जंगली जानवर समझकर एक गाय पर बाण चला दिया, जो दलदल में फंसी हुई थी। जिस कारण गाय की मृत्यु हो जाती है। जिस ब्राह्मण की वो गाय थी क्रोध में आकर वह कर्ण को श्राप देता है कि जिस तरह तुमने एक असहाय गाय की हत्या की है, ठीक उसी तरह ही एक दिन तुम्हारी भी मृत्यु हो जाएगी। और यही श्राप भूमि में कर्ण की मृत्यु का कारण बनता है।  

    धरती मां से मिला था या श्राप

    एक अन्य कथा के अनुसार एक बार एक छोटी कन्या रास्ते में रो रही थी। जब कर्ण ने उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि उसका रासा दूध जमीन पर गिर गया। अब घर जाने पर उसे डांट पड़ेगी। इसे देखकर कर्ण को दया आ गई। उसने जमीन से वह सारा दूध निचोड़कर उस लड़की को दे दिया। इस पर पृथ्वी मां को पीड़ा हुई और उन्होंने कर्ण को श्राप दिया कि तेरे अंत समय में मैं तेरा साथ छोड़ दूंगी। जिस कारण युद्ध के अंत समय में कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धंस जाता है, और यही उसकी मृत्यु का कारण भी बनता है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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