Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Magha Purnima 2024: आज पूर्णिमा के दिन करें पितरों का तर्पण, होगी मोक्ष की प्राप्ति

    माघ पूर्णिमा (Magha Purnima 2024) सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। इस दिन को पूर्णिमा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ दिन पर साधक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ चंद्रमा की पूजा करते हैं। यह दिन हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 24 Feb 2024 12:19 PM (IST)
    Hero Image
    Magha Purnima 2024: ऐसे करें पितरों का तर्पण

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Magha Purnima 2024: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं उन्हें कभी पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करना भी अच्छा होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस साल माघ पूर्णिमा 24 फरवरी यानी आज के दिन मनाई जा रही है। तो चलिए जानते हैं पूर्णिमा से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को, जो इस प्रकार हैं -

    ऐसे करें पितरों का तर्पण

    इस खास दिन तिल और कंबल का दान करना चाहिए। साथ ही काले तिल से हवन और पितरों का तपर्ण किसी पुरोहित से कराना चाहिए। इससे पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। बता दें, माघी पूर्णिमा के दिन पितरों की पूजा-अर्चना करने से सुख-सौभाग्य, धन-संतान तथा अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

    यह भी पढ़ें: Magha Purnima 2024: माघ पूर्णिमा पर जरूर करें सत्यनारायण पूजा, जानिए पूजा का सही मुहूर्त

    पितृ पूजन मंत्र

    • ॐ पितृ देवतायै नम:
    • ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम
    • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

      उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

    • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च

      नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

    माघ पूर्णिमा से जुड़ी बातें

    माघ पूर्णिमा (Magha Purnima) सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। इस दिन को पूर्णिमा दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ दिन पर साधक भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ चंद्रमा की पूजा करते हैं। यह दिन हिंदुओं के बीच बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस दिन कई प्रकार की धार्मिक विधियां भी होती हैं, जिनके शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं।

    यह भी पढ़ें: Falgun Ekadashi 2024 Date: फाल्गुन माह में कब है विजया एकादशी और रंगभरी एकादशी? नोट करें शुभ मुहूर्त

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।