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    Magha Purnima 2024: माघ पूर्णिमा पर जरूर करें सत्यनारायण पूजा, जानिए पूजा का सही मुहूर्त

    सनातन धर्म में माघ पूर्णिमा (Magha Purnima 2024) के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा अति शुभ मानी जाती है। यही वजह है कि लोग इस दिन व्रत करके भगवान विष्णु और चंद्र देव का आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही इस दिन को पूजा अनुष्ठान हवन और यज्ञ करने के लिए भी अच्छा माना जाता है। तो चलिए इस दिन से जुड़े कुछ पूजा नियमों के बारे में जानते हैं -

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 24 Feb 2024 12:57 PM (IST)
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    Magha Purnima 2024: माघ पूर्णिमा को ऐसे करें भगवान सत्यनारायण की पूजा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Magha Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि का हिंदुओं में अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन श्री हरि विष्णु और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। यह माह में एक बार आती है। इस दिन विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं। इस साल माघ पूर्णिमा 24 फरवरी, 2024 दिन शनिवार यानी आज के दिन मनाई जा रही है।

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    माघ पूर्णिमा तिथि और पूजा मुहूर्त

    पूर्णिमा तिथि शुरुआत - 23 फरवरी 2024 - दोपहर 03:33 से

    पूर्णिमा तिथि समापन - 24 फरवरी 2024 - शाम 05:49 बजे तक

    पूजा मुहूर्त - 24 फरवरी - दोपहर 03:26 से 04:51 तक।

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    माघ पूर्णिमा का महत्व

    हिन्दू धर्म में माघ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा अति शुभ मानी जाती है। यही वजह है कि लोग इस दिन व्रत करके भगवान विष्णु और चंद्र देव का आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही इस दिन को पूजा अनुष्ठान, हवन और यज्ञ करने के लिए भी अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यह तिथि पवित्र स्थानों पर जाने और गंगा नदी में स्नान करने के लिए समर्पित है।

    माघ पूर्णिमा पर करें भगवान सत्यनारायण की पूजा

    • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • एक लकड़ी की चौकी लें और उसमें भगवान विष्णु, सत्यनारायण और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
    • विधि अनुसार अभिषेक करें।
    • पीले वस्त्र और फूलों की माला चढ़ाएं।
    • भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीया जलाएं और तुलसी पत्र अर्पित करें।
    • पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाएं।
    • पूजा मुहूर्त के अनुसार, सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ें।
    • अंत में सत्यनारायण भगवान की आरती करें।
    • सभी पूजा अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद व्रती अपना उपवास खोल सकते हैं।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।