Magh Purnima 2025 Bhog: माघ पूर्णिमा पर श्रीहरि को इन भोग से करें प्रसन्न, धन लाभ के बनेंगे योग
पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा 12 फरवरी (Magh Purnima 2025 Date) को मनाई जाएगी। इस दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी के संग चंद्र देव की पूजा की जाती है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर इन शुभ कामों को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही सभी संकट दूर होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि का बेहद खास महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। माघ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) के नाम से जाना जाता है।
माघ पूर्णिमा के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही उपासना के बाद मंदिर या फिर गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि पूजा और दान करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।
अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो माघ पूर्णिमा के दिन श्रीहरि को प्रिय (Lord Vishnu Favourite Bhog) भोग लगाएं। माना जाता है कि विष्णु जी को भोग लगाने से सभी मुरादें पूरी होती हैं और सभी सुख मिलते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं भगवान विष्णु के प्रिय भोग।
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भगवान विष्णु के प्रिय भोग
- माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक पूजा करें और इसके बाद पंचामृत का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। माना जाता है कि थाली में तुलसी के पत्ते शामिल न करने से प्रभु भोग को स्वीकार नहीं करते हैं। पंचामृत का भोग का लगाने से पूजा का पूरा फल मिलता है और धन लाभ के योग बनते हैं।
- मान्यता के अनुसार, श्रीहरि को भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है, तो ऐसे में माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को पीले फल और पीली मीठाई का भोग लगाएं। इन चीजों का भोग लगाने से व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और ग्रह दोष दूर होता है।
- भोग थाली में चावल या साबूदाने की खीर को भी शामिल किया जा सकता है। भोग लगाने के बाद खीर को प्रसाद के रूप में बाटें। मान्यता है कि खीर का भोग लगाने से घर में उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। इसके अलावा दूध, दही और फल का भोग लगाया जा सकता है।
माघ पूर्णिमा के दिन भोग लगाते समय निम्न मंत्र करना चाहिए।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र का अर्थ है कि हे प्रभु जो भी मेरे पास है। वो आपका ही दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।
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