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    Magh Purnima 2025: पूर्णिमा पर इस तरह करें भगवान शिव की आराधना, हर मुश्किल होगी आसान

    Updated: Tue, 11 Feb 2025 10:36 AM (IST)

    इस साल माघ माह की पूर्णिमा और भी खास होने वाली है क्योंकि इस तिथि पर महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में पांचवा अमृत स्नान भी किया जाएगा। ऐसे में इस साल माघ ...और पढ़ें

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    Magh Purnima 2025 पूर्णिमा पर भगवान शिव की पूजा विधि। (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि पर शुभ मुहूर्त में स्नान-दान करने से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलने लगते हैं। इस तिथि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना का भी खास महत्व माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं माघ पूर्णिमा (Maghi Purnima 2025) पर शिव जी की पूजा विधि।

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    इस तरह करें भोलेनाथ की पूजा

    माघी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवितृ हो जाएं। इसके बाद भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें। शिव जी का गंगाजल में सामान्य जल मिलाकर अभिषेक करें और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें।

    जल चढ़ाने के बाद दूध चढ़ाएं और इसके बाद फिर से जल चढ़ाएं। साथ ही अमावस्या के दिन भोले शंकर को शमी के पत्ते और बेलपत्र भी जरूर अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से साधक के जीवन में आ रहे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

    अर्पित करें ये चीजें

    पूर्णिमा पर शिव जी की पूजा के दौरान उन्हें बेलपत्र, धतूरा और चावल अर्पित कर सकते हैं। इसी के साथ महादेव को प्रसाद के रूप में फल और दूध से बनी मिठाई अर्पित करें। ऐसा करने से साधक की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। इसी के साथ पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर 21 बेल पत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर भी चढ़ाया जा सकता है। इससे भोलेनाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं।

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    (Picture Credit: Freepik)

    करें इन मंत्रों का जप

    ॐ नमः शिवाय॥

    महामृत्युंजय मंत्र - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    रुद्र गायत्री मंत्र - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि

    तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    शिव गायत्री मंत्र - ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि

    तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।