Magh Month Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर करें भगवान गणेश को प्रसन्न, खुल जाएगी बंद किस्मत
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का दिन बेहद खास माना गया है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना करते हैं। कहते हैं कि इस दिन उपवास रखने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इस बार यह व्रत ( Pradosh Vrat 2025) 9 फरवरी यानी आज के दिन रखा जा रहा है तो आइए जानते हैं कि शिव जी को इस दिन कैसे प्रसन्न करना है?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत बहुत ज्यादा फलदायी माना जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। साथ ही यह उनके दिव्य मिलन का भी प्रतीक है। इस दिन लोग पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा-पाठ और व्रत करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन शिव पूजन से सभी कार्यों में सफलता मिलती है। इसके साथ ही जन्मों जन्म के पापों का नाश होता है। वहीं, इस दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा का भी महत्व है, क्योंकि वे शुभकर्ता और प्रथम पूज्य माने जाते हैं। ऐसे में इस दिन पूजा बप्पा से ही शुरू करें, तभी व्रत (Pradosh Vrat 2025) का पूर्ण फल मिलेगा। सबसे पहले उनकी प्रतिमा का अभिषेक करें। पीले वस्त्र पहनाएं। कुमकुम लगाएं और मोदक व पील फूल अर्पित करें।
इसके बाद ''श्री गणेश के 108 नामों'' का जाप करें और पूरी पूजा पूर्ण करें। अंत में आरती करें और शिव परिवार का आशीर्वाद लें। ऐसा करने से जीवन के हर संकट समाप्त होगा।
।।भगवान गणेश के 108 नाम।।
1. बालगणपति : सबसे प्रिय बालक
2. भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो
3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान
4. धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाले
5. एकाक्षर : एकल अक्षर
6. एकदन्त: एक दांत वाले
7. गजकर्ण : हाथी की तरह आंखों वाले
8. गजानन: हाथी के मुख वाले भगवान
9. गजवक्र : हाथी की सूंड वाले
10. गजवक्त्र: हाथी की तरह मुंह है
11. गणाध्यक्ष : सभी जनों के मालिक
12. गणपति : सभी गणों के मालिक
13. गौरीसुत : माता गौरी के बेटे
14. लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव
15. लम्बोदर : बड़े पेट वाले
16. महाबल : अत्यधिक बलशाली
17. महागणपति : देवादिदेव
18. महेश्वर: सारे ब्रह्मांड के भगवान
19. मंगलमूर्ति : सभी शुभ कार्यों के देव
20. मूषकवाहन : जिनका सारथी मूषक है
21. निदीश्वरम : धन और निधि के दाता
22. प्रथमेश्वर : सब के बीच प्रथम आने वाले
23. शूपकर्ण : बड़े कान वाले देव
24. शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु
25. सिद्धिदाता: इच्छाओं और अवसरों के स्वामी
26. सिद्दिविनायक : सफलता के स्वामी
27. सुरेश्वरम : देवों के देव।
28. वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड वाले
29. अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है
30. अलम्पता : अनन्त देव।
31. अमित : अतुलनीय प्रभु
32. अनन्तचिदरुपम : अनंत और व्यक्ति चेतना वाले
33. अवनीश : पूरे विश्व के प्रभु
34. अविघ्न : बाधाएं हरने वाले।
35. भीम : विशाल
36. भूपति : धरती के मालिक
37. भुवनपति: देवों के देव।
38. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के दाता
39. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक
40. चतुर्भुज: चार भुजाओं वाले
41. देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि
42. देवांतकनाशकारी: बुराइयों और असुरों के विनाशक
43. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले
44. देवेन्द्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले
45. धार्मिक : दान देने वाले
46. दूर्जा : अपराजित देव
47. द्वैमातुर : दो माताओं वाले
48. एकदंष्ट्र: एक दांत वाले
49. ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे
50. गदाधर : जिनका हथियार गदा है
51. गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता
52. गुणिन: सभी गुणों के ज्ञानी
53. हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाले
54. हेरम्ब : मां का प्रिय पुत्र
55. कपिल : पीले भूरे रंग वाले
56. कवीश : कवियों के स्वामी
57. कीर्ति : यश के स्वामी
58. कृपाकर : कृपा करने वाले
59. कृष्णपिंगाश : पीली भूरी आंख वाले
60. क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला
61. क्षिप्रा : आराधना के योग्य
62. मनोमय : दिल जीतने वाले
63. मृत्युंजय : मौत को हराने वाले
64. मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है
65. मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता
66. नादप्रतिष्ठित : जिन्हें संगीत से प्यार हो
67. नमस्थेतु : सभी बुराइयों पर विजय प्राप्त करने वाले
68. नन्दन: भगवान शिव के पुत्र
69. सिद्धांथ: सफलता और उपलब्धियों के गुरु
70. पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाले
71. प्रमोद : आनंद 72. पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व
73. रक्त : लाल रंग के शरीर वाले
74. रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहेते
75. सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकर्ता
76) सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता
77. सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले
78. ओमकार : ओम के आकार वाले
79. शशिवर्णम : जिनका रंग चंद्रमा को भाता हो
80. शुभगुणकानन : जो सभी गुणों के गुरु हैं
81. श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध हैं
82. सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले
83. स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई
84. सुमुख : शुभ मुख वाले
85. स्वरूप : सौंदर्य के प्रेमी
86. तरुण : जिनकी कोई आयु न हो
87. उद्दण्ड : शरारती
88. उमापुत्र : पार्वती के पुत्र
89. वरगणपति : अवसरों के स्वामी
90. वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता
91. वरदविनायक: सफलता के स्वामी
92. वीरगणपति : वीर प्रभु
93. विद्यावारिधि : बुद्धि के देव
94. विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले
95. विघ्नहत्र्ता: विघ्न हरने वाले
96. विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले
97. विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक
98. विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान
99. विघ्नविनाशाय : बाधाओं का नाश करने वाले
100. विघ्नेश्वर : बाधाओं के हरने वाले भगवान
101. विकट : अत्यंत विशाल
102. विनायक : सब के भगवान
103. विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु
104. विश्वराजा : संसार के स्वामी
105. यज्ञकाय : सभी बलि को स्वीकार करने वाले
106. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी
107. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव
108. योगाधिप : ध्यान के प्रभु
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