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    Magh Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्र में किस तरह करें दस महाविद्याओं को प्रसन्न?

    गुप्त नवरात्र को लेकर यह मान्यता है कि इस अवधि में ही मां दुर्गा 10 महाविद्याओं के रूप में प्रकट हुई थीं। साथ ही यह माना जाता है कि गुप्त नवरात्र की पूजा जितने गुप्त तरीके से की जाए उसका फल उनती ही जल्दी मिलता है। गुप्त नवरा की पूजा मुख्य रूप से तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वाले लोगों द्वारा की जाती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 29 Jan 2025 11:22 AM (IST)
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    Magh Gupt Navratri 2025 कब से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्र (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 04 बार नवरात्र मनाए जाते हैं, जिनमें से शारदीय और चैत्र नवरात्र के बारे में तो लगभग सभी जानते होंगे। साल में 02 बार आने वाली गुप्त नवरात्र के बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। एक गुप्त नवरात्र माघ माह में मनाई जाती है, तो वहीं दूसरे गुप्त नवरात्र आषाढ़ माह में आते हैं। इस दौरान मुख्य रूप से 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गुप्त नवरात्र (Magh Gupt Navratri 2025) में किस तरह आप 10 महाविद्याओं की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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    कब शुरू होंगे गुप्त नवराभ ( Magh Gupt Navratri Start Date)

    माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 30 जनवरी को दोपहर 04 बजकर 10, मिनट पर होगा। इस प्रकार माघ गुप्त नवरात्र की शुरुआत गुरुवार, 30 जनवरी से होगी, जिसका समापन शुक्रवार, 07 फरवरी को होने जा रहा है। घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है -

    घटस्थापना मुहूर्त - सुबह 09 बजकर 25 मिनट से सुबह 10 बजकर 46 मिनट तक

    घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    दुर्गा सप्तशती के श्लोक

    ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा।

    बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।

    दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेष जन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

    दारिद्र्य दुःख भयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकार करणाय सदार्द्रचित्ता।।

    सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

    शरण्ये त्र्यंम्बके गौरि नारायणि नमोस्तु ते॥

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    शरणागत दीनार्तपरित्राण परायणे

    सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोस्तु ते॥4॥

    सर्वस्वरुपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।

    भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तु ते॥

    रोगानशेषानपंहसि तुष्टारुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।

    त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हि आश्रयतां प्रयान्ति॥

    सर्वबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।

    एवमेव त्वया कार्यम् अस्मद् वैरि विनाशनम्॥

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    जरूर करें ये काम

    माघ गुप्त नवरात्र, दुर्गा जी की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम अवधि मानी गई है। ऐसे में आप इस नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के साथ-साथ देवी शक्ति के नामों का जाप, देवी महात्म्य और श्रीमद्-देवी भागवत जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ कर सकते हैं। इससे आपके ऊपर देवी मां की कृपा बनी रहती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।