Maa Saraswati: जीभ पर किस समय विराजमान होती हैं मां सरस्वती, इस तरह मांगे अपनी इच्छा
आपने अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि कभी-कभी हमारी जीभ पर सरस्वती जी विरामान होती हैं ऐसे में हमे सोच-समझकर कोई भी बात बोलनी चाहिए। हिंदू धर्म में सरस्वती जी को ज्ञान की देवी माना जाता है। सरस्वती जी की आराधना करने से साधक को ज्ञान और वैभव की प्राप्ति हो सकती है। तो चलिए जानते हैं इस विषय में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में यह माना गया है कि दिन में एक ऐसा समय होता है, जब मां सरस्वती हमारी जुबान पर विद्यमान रहती हैं। ऐसे में इस समय हम जो भी बोलते और मांगते हैं, वह सच हो जाता है। इसलिए कहा जाता है कि हमेशा शुभ-शुभ ही बोलना चाहिए। ऐसे में चलिए जानते हैं कि किसी समय सरस्वती हमारी जुबान पर विद्यमान रहती हैं।
इस समय करें सरस्वती जी का ध्यान
शास्त्रों में माना गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में सरस्वती जी, व्यक्ति के जुबान पर बैठती हैं। ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से पहले का एक समय होता है, जिसे काफी पवित्र माना जाता है। सुबह लगभग 04 बजे से लेकर 05 बजकर 30 मिनट के बीच तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है।
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किस तरह करें प्रार्थना
ऐसा माना जाता है कि यदि आप रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में सच्चे मन से सरस्वती जी से अपनी मनोकामना कहते हैं, तो वह जरूर पूरी हो सकती है। इसके लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले सरस्वती जी का ध्यान करें और अपने मन की इच्छा कहें। ध्यान रखें कि कोई ऐसी इच्छा न कहें, जिसमें किसी का अहित छुपा हो। साथ ही ऐसी मनोकामना भी न मांगे जिसका पूरा होना संभव न हो।
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न करें ये गलतियां
ब्रह्म मुहूर्त एक पवित्र समय माना गया है, ऐसे में भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि, स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ठीक नहीं माना जाता। साथ ही इस समय में नकारात्मक विचार भी मन में नहीं लाने चाहिए। वरना इससे आपके पूरे दिन पर असर पड़ सकता है।
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