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    Lord Shiva: भगवान शिव ने मस्तक पर क्यों धारण किया था चंद्रमा? जानें इससे जुड़ी कथा

    Updated: Wed, 06 Mar 2024 03:05 PM (IST)

    भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा और गले में सांपों की माला है। शिव पुराण में भगवान शिव के मस्तक पर विराजित चंद्रमा का उल्लेख किया गया है जो पूरी सृष्टि को अपनी शीतलता प्रदान कर रहे हैं। चलिए इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आखिर भगवान शिव ने अपने मस्तक पर चंद्रमा को क्यों धारण किया था।

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    Lord Shiva: भगवान शिव ने मस्तक पर क्यों धारण किया था चंद्रमा? जानें इससे जुड़ी कथा

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahashivratri 2024: भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि रोजाना इनकी विधिपर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। साथ ही महादेव प्रसन्न होते हैं। सभी देवी-देवताओं में भगवान भोलेनाथ का स्वरूप सबसे निराला है।

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    भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा और गले में सांपों की माला है। शिव पुराण में भगवान शिव के मस्तक पर विराजित चंद्रमा का उल्लेख किया गया है, जो पूरी सृष्टि को अपनी शीतलता प्रदान कर रहे हैं। चलिए इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आखिर भगवान शिव ने अपने मस्तक पर चंद्रमा को क्यों धारण किया था।

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    ये है वजह

    भगवान शिव के मस्तक पर चंद्र धारण करने की कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। शिव पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब उसमें से विष निकला, तो ऐसे में सृष्टि की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने स्वयं विष को ग्रहण किया था। इसके बाद उनका शरीर विष के असर से अधिक गर्म होने लगा और कंठ में जमा हो गया था। इसी वजह से भगवान शिव नीलकंठ कहलाए।

    इस दौरान चंद्र समेत अन्य देवी-देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वह अपने मस्तक पर चन्द्रमा को धारण करें, जिससे उनके शरीर में शीतलता बनी रहे। ऐसा माना जाता है कि श्वेत चंद्रमा बहुत शीतल होता है। यह सृष्टि को शीतलता देने की मदद करते हैं। देवी- देवताओं के अनुरोध पर भगवान महादेव ने अपने मस्तक पर चंद्रमा धारण किया। मान्यता है कि तभी से उनके मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'