Kuber Dev: भगवान कुबेर कैसे बने धन के देवता, महादेव से मिला था यह वरदान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कुबेर (Lord Kuber Dev) को धन-धान्य और समृद्धि के देवता कहा जाता है। भगवान कुबेर (Lord Kuber Dev Katha) की रोजाना पूजा-अर्चना करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां लक्ष्मी के संग भगवान कुबेर की पूजा करने से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ ही आर्थिक तंगी की समस्या से छुटकारा मिलता है। कुबेर जी को धन का देवता का कहा जाता है। उन्हें यह वरदान भगवान शिव से प्राप्त हुआ था। इसलिए भगवान कुबेर को धन का देवता के नाम से भी जाना जाता है।
ज्योतिष धन से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भगवान कुबेर की पूजा-अर्चना करने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान कुबेर को धन का देवता क्यों कहा जाता है। अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे इसकी खास वजह के बारे में विस्तार से।
महादेव ने दिया वरदान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान कुबेर का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एक ब्राह्मण परिवार में भगवान कुबेर का जन्म हुआ था। कुबेर जी में एक अवगुण था कि वह चोरी किया करते थे। जब इस बात की जानकारी उनके पिता को हुई, तो उन्होंने कुबेर जी को घर से निकल दिया था, जिसके बाद वह एक शिव मंदिर में पहुचें, तो उन्होंने वहां पर एक पुजारी को सोते हुए देखा। इस दौरान उसने मंदिर से प्रसाद चुराने का निर्णय लिया।
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इसके लिए कुबेर जी ने पुजारी से बचने के लिए दीपक के सामने अपना अंगोछा फैला दिया, लेकिन इसके बाद भी कुबेर जी चोरी करते पकड़े गए। इस दौरान उनकी हाथापाई हुई और कुबेर जी की मृत्यु हो हुई। इसके बाद जब उन्हें यमदूत लेकर जा रहे थे, तो दूसरी तरफ से भगवान शिव के दूत भी आ रहे थे। दूतों ने कुबेर जी को महादेव के सामने प्रस्तुत किया। शिव जी प्रतीत हुआ कि उन्होंने अंगोछा बिछाकर दीपक को बुझने से बचाया है। ऐसे में महादेव प्रसन्न हुए और कुबेर की उपाधि प्रदान की। तभी से कुबेर जी को धन का देवता कहा जाता है।
ऐसे प्राप्त करें भगवान कुबेर की कृपा
वास्तु शास्त्र में भगवान कुबेर की प्रतिमा को विराजमान करने के लिए शुभ दिशा का उल्लेख किया गया है। ऐसा माना जाता है कि भगवान कुबेर की प्रतिमा को उत्तर दिशा को स्थापित करनी चाहिए। इस उपाय को करने से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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