Lathmar holi 2025 in barsana: बरसाना में आज लट्ठमार होली, जानिए कैसे शुरू हुई ये परंपरा
होली बेहद उत्साह के साथ मनाई जाती है। देशभर में कई तरह से होली खेली जाती है। वहीं ब्रज में भी होली के पर्व के दौरान खास रौनक देखने को मिलती है। पूरे ब्रज में कई तरह से पर्व को मनाया जाता है जिसमें लट्ठमार होली भी शामिल है। ऐसे में आइए जानते हैं लट्ठमार होली (Lathmar holi 2025 in barsana) से जुड़ी विशेष बातों के बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lathmar Holi 2025: पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होली का त्योहार मनाया जाता है। इसके एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होली के दिन देशभर में लोगों में बेहद उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन लोग मित्रों और परिवार के सदस्यों को रंग और गुलाल लगाकर गले मिलते हैं और पर्व को मनाते हैं। इस त्योहार को देश में कई तरह से मनाया जाता है। वहीं, ब्रज में इस उत्सव की शुरुआत कुछ दिन पहले ही हो जाती है। भक्त राधा कृष्ण के रंग में रंग जाते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि होली से पहले मथुरा में लड्डू मार होली, लट्ठमार होली और रंगभरी होली समेत कई तरह से पर्व को मनाया जाता है। इन उत्सवों में अधिक संख्या में भक्त शामिल होते हैं। क्या आप जानते हैं कि लट्ठमार होली (Lathmar holi 2025 in barsana) की शुरुआत कैसे हुई? अगर नहीं पता, तो आइए हम आपको बताएंगे इस परंपरा के बारे में विस्तार से।
(Pic Credit/Instagram- uttarpradeshtourism)
लट्ठमार होली 2025 डेट और टाइम (Lathmar Holi 2025 Date and Time)
हर साल लट्ठमार होली का पर्व फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि तिथि पर मनाया जाता है। इस पर्व का भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन की नवमी तिथि की शुरुआत 07 मार्च को सुबह 09 बजकर 18 मिनट से हो गई है। वहीं, तिथि का समापन 08 मार्च को सुबह 08 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 08 मार्च को लट्ठमार होली मनाई जा रही है।
यह भी पढ़ें: Masan Holi 2025 Date: बनारस में कब मनाई जाएगी मसान होली, कैसे शुरू हुई ये परंपरा?
इस तरह हुई शुरुआत
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार कृष्ण जी राधा रानी से मिलने बरसाना पहुंचे, तो राधा जी और सखियों को चिढ़ाने लगे। उनके इस व्यवहार को देख राधा जी और उनकी संग की सखियों ने कृष्ण जी और ग्वालों को लाठी से पीटते हुए दौड़ाने लगी। इस तरह उन्होंने सभी को सबक सिखाया। ऐसी मान्यता है कि तभी से बरसाना और नंदगांव में लट्ठमार होली (Lathmar Holi 2025 History) की शुरुआत हुई।
इस तरह मनाते हैं लट्ठमार होली
लट्ठमार होली के दिन बरसाना की सखियां नंदगांव के ग्वालों पर लाठियां बरसाती हैं। इस दौरान वह अपना बचाव ढाल के द्वारा करते हैं। साथ ही गीत, पद-गायन की परंपरा को भी निभाया जाता है।
यह भी पढ़ें: Braj Holi 2025: मथुरा में कब से होगी होली की शुरुआत, नोट करें ब्रज के प्रमुख उत्सवों की डेट
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।