Laddu Gopal Puja Vidhi: लड्डू गोपाल की मूर्ति पुरानी होने पर करें ये काम, नहीं लगेगा दोष
लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप माने जाते हैं। आपने कई घरों में लड्डू गोपाल की मूर्ति को विराजमान देखा होगा। ऐसे में यदि आप अपने पुराने लड्डू गोपाल की जगह नए लड्डू गोपाल की मूर्ति लाना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ताकि आपको किसी तरह के दोष का सामना न करना पड़े।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में माना गया है कि लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Puja Niyam) की रोजाना विधिवत पूजा से साधक के घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि घर में कभी भी लड्डू गोपाल की खंडित मूर्ति नहीं रखनी चाहिए, वरना इससे नकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं।
करें ये काम
अगर आपके लड्डू गोपाल की मूर्ति बहुत ही पुरानी हो गई है या फिर खंडित हो गई है, तो इसके लिए आप इस तरह से लड्डू गोपाल की पुरानी मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले लड्डू गोपाल की पुरानी मूर्ति की विधिवत रूप से करनी चाहिए और उन्हें भोग लाना चाहिए। इसके बाद हाथ जोड़कर लड्डू गोपाल जी क्षमा याचना करें। अब आप मूर्ति को किसी साफ या पवित्र जलाशय, नदि आदि में वसर्जित कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको पुरानी मूर्ति हटाने का दोष नहीं लगता और आप लड्डू गोपाल की नई मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
लड्डू गोपाल के पास-पास कभी भी टूटी-फूटी मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है। इसी के साथ जहां आपके लड्डू गोपाल विराजमान हैं, वहां कभी भी गंदे कपड़े, जूते-चप्पल, जूठे बर्तन आदि नहीं रखने चाहिए। लड्डू गोपाल के सामने भोग भी ज्यादा देर तक न रखें।
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करें इन मंत्रों का जाप
लड्डू गोपाल जी की आराधना के दौरान आप इन मंत्रों का जप कर सकते हैं। इससे लड्डू गोपाल की विशेष कृपा आपके व आपके परिवार पर बनी रहती है।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
- 1- हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
- हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
- 2- ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
- 3- ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि
- तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
- 4- ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
- सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
- 5- ॐ नमो भगवते श्री गोविन्दाय
- 6- हे कृष्ण द्वारकावासिन् क्वासि यादवनन्दन।
- आपद्भिः परिभूतां मां त्रायस्वाशु जनार्दन।।
- 7- ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
- 8. त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।' (भोग लगाने का मंत्र)
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