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    Laddu Gopal Puja Niyam: सुबह उठाने से लेकर रात में सुलाने तक, इस तरह करें लड्डू गोपाल की सेवा

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 06:44 PM (IST)

    लड्डू गोपाल जी की सेवा में उन्हें सुबह उठाना स्नान करवाना भोग लगाया और शयन करना भी शामिल है। माना जाता है कि अगर भक्त सच्चे मन से एक बालक की तरह ही लड्डू गोपाल की देखभाल करते हैं तो इससे उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में चलिए जानते हैं लड्डू गोपाल से सेवा से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

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    Laddu Gopal Puja Niyam लड्डू गोपाल की सेवा के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माना जाता है कि, जिस घर में रोजाना विधि-विधान से लड्डू गोपाल (Laddu Gopal Seva) की पूजा व सेवा की जाती है, वहां हमेशा खुशहाली बनी रहती है। इस दौरान कई तरह के नियमों का भी ध्यान रखा जाता है। चलिए जानते हैं कि आप किस तरह लड्डू गोपाल का ख्याल रख सकते हैं। 

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    इस तरह करें शृंगार

    सबसे पहले सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद घंटी बजाकर लड्डू गोपाल को उठाएं। स्नान करवाने के बाद उन्हें साफ-सुथरे और आरामदायक वस्त्र पहनाएं। अब कान्हा जी के माथे पर चंदन का तिलक लगाकर और उनका शृंगार करें।

    भोग लगाने के नियम

    लड्डू गोपाल को भोग लगाने समय उसमें तुलसी का पत्ता जरूर डालें, वरना इसके बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है। इसी के साथ लड्डू गोपाल जी को दिन में 4 बार भोग लगाने का विधान है। लगाने के बाद मंदिर का पर्दा बंद कर दें और थोड़ी देर बाद घंटी या ताली बजाकर ही पर्दा खोलें।

    इसके बाद भोग के बर्तन को साफ कर देना चाहिए। आप लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री के साथ-साथ और फल, जूस आदि का भी भोग लगा सकते हैं। लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय आप इस मंत्र का जप भी कर सकते हैं -

    "त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर"

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    इस बातों का रखें ध्यान

    लड्डू गोपाल की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। पूजा के दौरान सुबह-शाम लड्डू पूजा कर गोपाल जी की आरती करनी चाहिए। इसी के साथ वास्तु शास्त्र में लड्डू गोपाल की मूर्ति को स्थापित करने के लिए ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा को सबसे उत्तम माना गया है।

    कैसे कराएं शयन

    लड्डू गोपाल को रात में शयन कराने से पहले उन्हें आप दूध का भोग लगा सकते हैं। थोड़ी देर बाद भोग को हटा लें और अगर आपके लड्डू गोपाल झूले पर विराजमान हैं, तो आप सुलाने से पहले उन्हें थोड़ी देर झूला भी झुला सकते हैं। लड्डू गोपाल जी को शयन कराने के बाद मंदिर का पर्दा बंद कर देना चाहिए। इसी के साथ रोशनी को भी हल्का कर दें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।