नहीं जानते हैं कौन है आपके कुलदेवी या कुलदेवता, तो इन तरीकों से करें पता
हिंदू धर्म में कुलदेवी और कुलदेवता की विशेष मान्यता है। कुलदेवी या कुलदेवता को उस कुल का संरक्षक माना जाता है और इनकी पूजा के बिना कोई भी मांगलिक कार्य शुरू नहीं किया जाता। कई लोगों को अपने कुल देवी या देवता का पता नहीं होता। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप किस तरह अपने कुलदेवी देवी-देवता का पता लगा सकते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विवाह होने के बाद नव दंपती सबसे पहले कुलदेवी और कुलदेवता से आशीर्वाद लेना होता है। लोगों की यह मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि कुलदेवी या देवता की पूजा करने से व्यक्ति को कुंडली के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। इसके व्यक्ति के जीवन में आ रही समस्याओं को से भी छुटकारा मिल सकता है।
इन तरीकों से लगाएं पता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपने कुलदेवी या देवता के साथ हर परिवार का एक दैविय संबंध होता है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ता रहता है। यदि आपको अपने गोत्र का पता है, तो इससे भी आप अपने कुल देवी या देवता के बारे में जान सकते हैं। क्योंकि प्रत्येक गोत्र का अपना एक अलग देवी या देवता होता है।
यहां से मिल सकती है जानकारी
जिस स्थान पर व्यक्ति के पूर्वज रहते थे, उस स्थान के देवी-देवता भी उस व्यक्ति के कुलदेवी-देवता माने जाते हैं। ऐसे में आप अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से बात करके भी अपनी कुलदेवी या कुलदेवता का पता कर सकते हैं। इसके अलावा आपके परिवार या कुल की प्रमुख पूजाएं जिस स्थान पर की जाती हैं, उसके बारे में पता लगाकर भी आप जान सकते हैं कि आपके कुल देवी-देवता कौन हैं।
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ज्योतिष की लें मदद
यदि किसी व्यक्ति को अपने कुलदेवी या देवता के बारे में नहीं पता है, तो इसके लिए आप किसी विद्वान ज्योतिष की भी सहायता ले सकते हैं। कुंडली में कुछ ऐसे नक्षत्र माने गए हैं, जिन्हें देखकर किसी व्यक्ति के कुलदेवता या कुलदेवी का पता लगाया जा सकता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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