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Vijayadashami 2021 Date: जानिए, कब है दशहरा या विजयदशमी पर्व और पूजन का विजय मुहूर्त

Vijayadashami 2021 Date दशहरा का पर्व नौ दिनों तक मां दुर्गा के नवरात्रि पूजन के बाद दसवें दिन मनाया जाता है। दशहरा का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी की तिथि को मनाया जाता है।आइए जानते है दशहरा की सही तिथि और पूजन का विजय मुहूर्त....

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 01:20 PM (IST)
Vijayadashami 2021 Date: जानिए, कब है दशहरा या विजयदशमी पर्व और पूजन का विजय मुहूर्त
जानिए, कब है दशहरा या विजयदशमी पर्व और पूजन का विजय मुहूर्त

Vijayadashami 2021 Date: दशहरा या विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।हिंदू धर्म में दशहरा के पर्व का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम ने अहंकारी रावण का वध किया था। इसके साथ ही इस दिन ही मां दुर्गा नें असुर महिषासुर का भी वध किया था। इस कारण ही इस दिन भगवान राम के साथ मां दुर्गा के भी पूजन का विधान है। इस साल दशहरा 15 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा।दशहरा का पर्व अवगुणों को त्याग कर श्रेष्ठ गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इसी कारण इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है।आइए जानते है दशहरा की सही तिथि और पूजन का विजय मुहूर्त....

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दशहरा की तिथि और पूजन मुहूर्त

दशहरा का पर्व नौ दिनों तक मां दुर्गा के नवरात्रि पूजन के बाद दसवें दिन मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार दशहरा का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी की तिथि को मनाया जाता है। इस साल दशमी की तिथि 14 अक्टूबर को शाम 06.52 बजे से शुरू होकर 15 अक्टूबर को सांय काल 06.02 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि लग जाएगी। इसलिए उदया तिथि के अनुरूप दशहरा 15 अक्टूबर, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। दशहरा के पूजन का शुभ मुहूर्त विजय मुहूर्त होगा। जो कि 15 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

दशहरा की पूजन परंपरा

दशहरा या विजयदशमी के दिन मान्यता अनुरूप भगवान श्री राम और मां दुर्गा दोनों का ही पूजन किया जाता है। एक और नवरात्रि के पूजन का अतिंम दिन होने के कारण इस दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। दूसरी ओर भगवान राम की रावण पर विजय को प्रतीकात्मक रूप से मनाते हुए रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इस दिन किसान अपनी नई फसल का उत्सव मनाते हैं तो योद्धा अपने अस्त्र-शस्त्र का पूजन करते हैं। पौराणिक काल में राजा दशहरा के दिन पूजन कर युद्ध के अभियान पर निकलते थे। दशहरे के पूजन में शमी की पत्तियों का विशेष महत्व है। पूजा में फूलों के साथ शमी की पत्तियों को जरूर चढ़ाना चाहिए।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

 


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