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    King Nahusha: स्वर्ग का राजा बनने के बाद राजा नहुष ने की ऐसी गलती, बनना पड़ गया अजगर

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Sun, 25 Dec 2022 02:26 PM (IST)

    King Nahusha स्वर्ग का राजा बनने के बाद नहुष के विचारों में बदलाव देखने को मिला। वह अधर्मी और अहंकारी बन गया। एक बार राजा नहुष की बुरी नजर इंद्र की अर्धांगिनी शची पर पड़ गई। राजा नहुष शची की खूबसूरती पर आकर्षित हो गया।

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    King Nahusha: स्वर्ग का राजा बनने के बाद राजा नहुष ने की ऐसी गलती, बनना पड़ गया अजगर

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | King Nahusha: सनातन धर्म के पवित्र ग्रन्थ गीता में भगवान श्रीकृष्ण अपने शिष्य और सखा अर्जुन से कहते हैं कि व्यक्ति को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। व्यक्ति जैसा कर्म करता है। उसके फलस्वरूप उसे वैसा ही फल मिलता है। स्वर्ग के राजा इंद्र को भी कालांतर में अपने कर्मों का फल भोगना पड़ा। जब ब्रह्म हत्या की वजह से उन्हें स्वर्ग से पदच्युत होना पड़ा।

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    उस समय देवताओं ने राजा नहुष को स्वर्ग का नरेश बना दिया। तत्कालीन समय में राजा नहुष से प्रजा बेहद खुश थे। उनके फैसले धर्म संगत होते थे। इसके चलते उनकी हमेशा ही जय होती थी। इसी फलस्वरूप देवताओं ने राजा नहुष को स्वर्ग का नरेश बनाया।

    हालांकि, स्वर्ग का राजा बनने के बाद नहुष के विचारों में बदलाव देखने को मिला। वह अधर्मी और अहंकारी बन गया। एक बार राजा नहुष की बुरी नजर इंद्र की अर्धांगिनी शची पर पड़ गई। राजा नहुष, शची की खूबसूरती पर आकर्षित हो गया। तत्पश्चात, राजा नहुष ने शची को अपने महल बुलाया, लेकिन शची को राजा नहुष के इरादों का पता चल गया। तब शची किसी तरह राजा इंद्र तक पहुंची और उन्हें सब बात बताई।

    उस समय इंद्र ने शची को सलाह दी कि वे अपने संदेश वाहक के जरिए संदेश भेजे कि सप्तऋषियों की दिव्य सवारी पर सवार होकर आप आए, तो वह प्रसन्न होकर जाएगी। यह सुन राजा नहुष बेहद प्रसन्न हुआ। इसके बाद तत्काल सप्तऋषियों की दिव्य सवारी उठाकर इंद्राणी को लेने चल दिया।

    मार्ग में जब ऋषि अगस्त्य धीरे धीरे चल रहे थे, तो गुस्से में राजा नहुष ने उन्हें लात मार दी। इससे ऋषि अगस्त्य गिर पड़े। उसी क्षण ऋषि अगस्त्य ने राजा नहुष को अजगर बनने का शाप दे दिया। महाभारत काल में जब नहुष अजगर ने गदाधारी भीम को बंधक बना लिया। तब नहुष अजगर ने अपने सवालों का जवाब देने कहा। नहुष अजगर के सभी सवालों का जवाब धर्मराज युधिष्ठिर ने दिया। इससे राजा नहुष को श्राप से भीम को अजगर के फांस से मुक्ति मिल गई।