Kharmas 2025: खरमास खत्म होने से पहले जरूर कर लें ये काम, सूर्य देव की कृपा से चमक उठेगी किस्मत
खरमास की शुरुआत 14 मार्च से हुई थी जो 14 अप्रैल को समाप्त होने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हालांकि यह समय में सूर्य देव की पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना गया है। ऐसे में आप खरमास (Kharmas 2025) की समाप्ति से पहले ये काम कर सकते हैं ताकि सूर्य देव की कृपा आपके ऊपर बनी रहे।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से जब सूर्यदेव बृहस्पति की राशियों यानी धनु या फिर मीन में गोचर करते हैं, तो खरमास की शुरुआत होती है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में सूर्य देव की ऊर्जा की प्रभावशीलता कम हो जाती है, जिस कारण इस दौरान किए गए शुभ या मांगलिक कार्यों का अच्छा परिणाम नहीं मिलता। ऐसे में खरमान से दौरान कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता है।
सूर्य देव को जल अर्पित करने की विधि
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
- एक तांबे के लोटे में जल लें और उसमें लाल फूल व रोली डालें।
- ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जप करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- जल की गिरती धार से सूर्य की किरणों को देखते रहें।
- अंत में सूर्य देव को नमस्कार करें और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
करें इन चीजों का दान
खरमास में सूर्य देव की पूजा के साथ-साथ दान-पुण्य भी जरूर करना चाहिए। इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। इसके लिए आप खरमास में अपनी क्षमता के अनुसार, गरीबों व जरूरतमंद लोगों में अन्न और धन का दान कर सकते हैं। इसी के साथ खड़े मूंग या मसूर की दाल का दान करना भी काफी शुभ माना जाता है। इससे आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।
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जरूर करें ये काम
खरमान की अवधि में सूर्य देव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। ऐसे में सूर्य देव को जल अर्पित करने के साथ ही आप सूर्य चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। इसी के साथ घर में भगवत गीता या सत्यनारायण की कथा का आयोजन करना चाहिए। ऐसा करने से साधक पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
सूर्य देव के मंत्र
- ॐ आदित्याय नमः।
- ॐ सूर्याय नमः।
- ॐ रवेय नमः।
- ॐ पूषणे नमः।
- ॐ दिनेशाय नमः।
- ॐ सावित्रे नमः।
- ॐ प्रभाकराय नमः।
- ॐ मित्राय नमः।
- ॐ उषाकराय नमः।
- ॐ भानवे नमः।
- ॐ दिनमणाय नमः।
- ॐ मार्तंडाय नमः।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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