Kharmas 2024: खरमास में रोजाना करें इस चालीसा का पाठ, बिना बाधा के पूरे होंगे सभी काम
खरमास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इसी के साथ आप शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इस अवधि में बृहस्पति देव की आराधना भी कर सकते हैं। बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए खरमास में रोजाना श्री बृहस्पति देव चालीसा का पाठ करना चाहिए ताकि आप नकारात्मक परिणामों से बचे रह सकें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष गणना के अनुसार, जब सूर्य देव, बृहस्पति की राशि यानी धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास की शुरुआत होती है। ऐसे में इस साल का दूसरा खरमास रविवार, 15 दिसंबर से लगने जा रहा है, जिसका समापन 14 जनवरी 2025 को होगा। इस दौरान शुभ कार्यों जैसे विवाह, ग्रह प्रवेश आदि नहीं किए जाते। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में किए गए कार्यों का शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होता।
।।श्री बृहस्पति देव चालीसा।।
''दोहा''
प्रन्वाऊ प्रथम गुरु चरण, बुद्धि ज्ञान गुन खान।
श्री गणेश शारद सहित, बसों ह्रदय में आन॥
अज्ञानी मति मंद मैं, हैं गुरुस्वामी सुजान।
दोषों से मैं भरा हुआ हूँ तुम हो कृपा निधान॥
''चौपाई''
जय नारायण जय निखिलेशवर। विश्व प्रसिद्ध अखिल तंत्रेश्वर॥
यंत्र-मंत्र विज्ञानं के ज्ञाता।भारत भू के प्रेम प्रेनता॥
जब जब हुई धरम की हानि। सिद्धाश्रम ने पठए ज्ञानी॥
सच्चिदानंद गुरु के प्यारे। सिद्धाश्रम से आप पधारे॥
उच्चकोटि के ऋषि-मुनि स्वेच्छा। ओय करन धरम की रक्षा॥
अबकी बार आपकी बारी। त्राहि त्राहि है धरा पुकारी॥
मरुन्धर प्रान्त खरंटिया ग्रामा। मुल्तानचंद पिता कर नामा॥
शेषशायी सपने में आये। माता को दर्शन दिखलाए॥
रुपादेवि मातु अति धार्मिक। जनम भयो शुभ इक्कीस तारीख॥
खरमास में भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना करना काफी शुभ होता है। इसी के साथ खरमास में बृहस्पति देव की आराधना से भी साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके लिए आप रोजाना बृहस्पति चालीसा का पाठ कर सकते हैं।
जन्म दिवस तिथि शुभ साधक की। पूजा करते आराधक की॥
जन्म वृतन्त सुनायए नवीना। मंत्र नारायण नाम करि दीना॥
नाम नारायण भव भय हारी। सिद्ध योगी मानव तन धारी॥
ऋषिवर ब्रह्म तत्व से ऊर्जित। आत्म स्वरुप गुरु गोरवान्वित॥
एक बार संग सखा भवन में। करि स्नान लगे चिन्तन में॥
चिन्तन करत समाधि लागी। सुध-बुध हीन भये अनुरागी॥
पूर्ण करि संसार की रीती। शंकर जैसे बने गृहस्थी॥
अदभुत संगम प्रभु माया का। अवलोकन है विधि छाया का॥
युग-युग से भव बंधन रीती। जंहा नारायण वाही भगवती॥
यदि आप खरमास में रोजाना बृहस्पति चालीसा का पाठ करते हैं, तो इससे जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसी के साथ खरमास में जरूरतमंद लोगों को अपनी क्षमतानुसार दान देना चाहिए। इन सभी कार्यों से आपको शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
यह भी पढ़ें - Kharmas 2024: खरमास में इन 2 राशियों को रहना होगा सतर्क, विवाद का करना पड़ सकता है सामना
सांसारिक मन हुए अति ग्लानी। तब हिमगिरी गमन की ठानी॥
अठारह वर्ष हिमालय घूमे। सर्व सिद्धिया गुरु पग चूमें॥
त्याग अटल सिद्धाश्रम आसन। करम भूमि आए नारायण॥
धरा गगन ब्रह्मण में गूंजी। जय गुरुदेव साधना पूंजी॥
सर्व धर्महित शिविर पुरोधा। कर्मक्षेत्र के अतुलित योधा॥
ह्रदय विशाल शास्त्र भण्डारा। भारत का भौतिक उजियारा॥
एक सौ छप्पन ग्रन्थ रचयिता। सीधी साधक विश्व विजेता॥
प्रिय लेखक प्रिय गूढ़ प्रवक्ता। भूत-भविष्य के आप विधाता॥
आयुर्वेद ज्योतिष के सागर। षोडश कला युक्त परमेश्वर॥
रतन पारखी विघन हरंता। सन्यासी अनन्यतम संता॥
अदभुत चमत्कार दिखलाया। पारद का शिवलिंग बनाया॥
वेद पुराण शास्त्र सब गाते। पारेश्वर दुर्लभ कहलाते॥
पूजा कर नित ध्यान लगावे। वो नर सिद्धाश्रम में जावे॥
चारो वेद कंठ में धारे। पूजनीय जन-जन के प्यारे॥
चिन्तन करत मंत्र जब गाएं। विश्वामित्र वशिष्ठ बुलाएं॥
मंत्र नमो नारायण सांचा। ध्यानत भागत भूत-पिशाचा॥
प्रातः कल करहि निखिलायन। मन प्रसन्न नित तेजस्वी तन॥
निर्मल मन से जो भी ध्यावे। रिद्धि सिद्धि सुख-सम्पति पावे॥
पथ करही नित जो चालीसा। शांति प्रदान करहि योगिसा॥
अष्टोत्तर शत पाठ करत जो। सर्व सिद्धिया पावत जन सो॥
श्री गुरु चरण की धारा। सिद्धाश्रम साधक परिवारा॥
जय-जय-जय आनंद के स्वामी। बारम्बार नमामी नमामी॥
यह भी पढ़ें - Kharmas 2024 Daan: बिजनेस में चाहते हैं तरक्की, तो खरमास में राशि अनुसार करें इन चीजों का दान
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।