Kharmas 2024: नए साल में होगा खरमास का समापन, अच्छे परिणाम के लिए जरूर ध्यान रखें ये बातें
जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि यानी धनु या फिर मीन राशि में प्रवेश करते हैं तभी से खरमास की शुरुआत मानी जाती है। इस दौरान शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। साथ ही कई नियमों का पालन भी किया जाता है ताकि साधक को नकारात्मक परिणाम न मिलें। तो चलिए जानते हैं कि आप खरमान में किन कार्यों द्वारा शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। साल 2024 का दूसरा खरमास (Kharmas 2024) 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है, जिसका समापन 14 जनवरी 2025 को होने जा रहा है। इस दौरान कई बातों का ध्यान रखा जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि खरमास का समापन कब होगा और इन दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है।
क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि मीन या धनु में होते हैं, तब गुरु ग्रह की शक्तियां कम हो जाती हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को भाग्य के कारक के रूप में देखा जाता है। ऐसे में यदि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य किया जाए, तो उसका शुभ फल प्राप्त नहीं होता। यही कारण है कि खरमास में शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
रखें इन बातों का ध्यान
खरमास में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए, अन्यथा आपको उसका शुभ परिणाम नहीं मिलता। साथ ही इस अवधि में कोई नया कार्य भी शुरू नहीं करना चाहिए। खरमास के दौरान साधक को तामसिक भोजन से भी दूरी बनानी चाहिए।
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कर सकते हैं ये कार्य
खरमास के दौरान आप रोजाना बृहस्पति चालीसा का पाठ कर सकते हैं, इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसी के साथ खरमास में भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए। खरमास में जरूरतमंद लोगों को अपनी क्षमता अनुसार दान दें और भोजन कराएं। इन सभी कार्यों से आपके ऊपर ईश्वर की कृपा बनी रहती है।
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जरूर करें ये काम
खरमास में सूर्य देव को जल चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में जल में थोड़ी-सी हल्दी और गुड़हल का फूल डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। अर्घ्य के दौरान ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप करते रहें।
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