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    Dattatreya Jayanti 2024: कब है दत्तात्रेय जयंती? यहां पढ़ें डेट और शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

    Updated: Mon, 02 Dec 2024 11:24 AM (IST)

    सनातन धर्म में दत्तात्रेय जयंती बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। हर साल यह मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। इस साल यह पर्व (Dattatreya Jayanti 2024 Date) 14 दिसंबर को मनाया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत का पालन करने से जीवन की सभी मुश्किलें समाप्त होती हैं।

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    Dattatreya Jayanti 2024: दत्तात्रेय जयंती डेट और शुभ मुहूर्त।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दत्तात्रेय जयंती हिंदू धर्म में सबसे शुभ दिनों में से एक मानी जाती है। यह दिन भगवान दत्तात्रेय को समर्पित है। हर साल यह पर्व मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था, जिसे दत्त जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यह पर्व (Dattatreya Jayanti 2024 Date) 14 दिसंबर को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही दत्तात्रेय भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    दत्तात्रेय जयंती डेट और शुभ मुहूर्त (Dattatreya Jayanti 2024 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर, 2024 को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर, 2024 दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगी। पंचांग को देखते हुए इस साल दत्तात्रेय जयंती (Dattatreya Jayanti 2024 Date) 14 दिसंबर को मनाई जाएगी।

    दत्तात्रेय जयंती की पूजा विधि (Dattatreya Jayanti 2024 Puja Vidhi)

    दत्तात्रेय जयंती पर सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। पूजा कक्ष को साफ करें। एक चौकी पर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें गंगाजल से स्नान करवाएं। सफेद चंदन का तिलक लगाएं। उन्हें फूल माला और मिठाई आदि अर्पित करें। वहीं, जिनके पास दत्तात्रेय जी की मूर्ति नहीं है, वे भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं, क्योंकि कुछ लोगों को यह मानना है कि वह भगवान विष्णु के अवतार थे इसलिए भक्त भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा कर सकते हैं।

    साथ ही उन्हें तुलसी पत्र और पंचामृत जरूर अर्पित करें, जो साधक इस दिन उपवास का पालन करते हैं, उन्हें व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। साथ ही अंत में आरती करनी चाहिए। इस दिन गलती से भी तामसिक चीजों का उपयोग न करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। जरूरतमंदों में कुछ दान जरूर करें।

    भगवान दत्तात्रेय की पूजन

    • ॐ द्रांदत्तात्रेयाय नम:।।
    • दिगंबरा-दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा।।
    • ऊं ह्रीं विद्दुत जिव्हाय माणिक्यरुपिणे स्वाहा।।
    • ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत: प्रचोदयात।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।