Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kawad Yatra 2023: कांवड़ यात्रा कर कब चढ़ाया जाएगा महादेव को पवित्र जल? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Thu, 13 Jul 2023 12:01 PM (IST)

    Kawad Yatra 2023 श्रावन का पवित्र महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि सावन मास में सोमवार प्रदोष व्रत और शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना करें से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है। साथ ही सावन के महीने में कई शिवभक्त कांवड़ में पवित्र जल भरकर शुभ अवसर पर भगवान शिव को अर्पित करते हैं।

    Hero Image
    Kawad Yatra 2023: कब किया जाएगा भगवान शिव का जलाभिषेक?

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Kawad Yatra 2023: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है और साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इसके साथ सावन के पवित्र महीने में लाखों की संख्या में शिवभक्त कठिन कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। इस यात्रा में देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु भाग लेते हैं और नियमों का पालन कर कांवड़ यात्रा को पूरा करते हैं। ऐसे अब प्रश्न यह उठता है कि कांवड़ का पवित्र जल भगवान शिव को कब चढ़ाया जाएगा? आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कब चढ़ाया जाएगा कांवड़ का जल?

    कांवड़ यात्री सावन मास की चतुर्दशी तिथि के दिन अर्थात सावन शिवरात्रि के दिन भगवान का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई से शुरू होगी और इसका समापन 16 जुलाई को रात्रि के समय होगा। वहीं सावन शिवरात्रि व्रत एवं पूजा 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन किया जाएगा।

    सावन शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त

    • सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - जुलाई 15, 2023 रात्रि 08 बजकर 32 मिनट से

    • सावन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त - जुलाई 16, 2023 रात्रि 10 बजकर 08 मिनट तक

    • शिवरात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 07 बजकर 21 मिनट से रात्रि 09 बजकर 54 मिनट तक

    • द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात्रि 09 बजकर 54 मिनट से रात्रि 12 बजकर 27 मिनट तक

    • तृतीय प्रहर पूजा समय - रात्रि 12 बजकर 27 मिनट से 16 जुलाई प्रातः 03 बजे तक

    • चतुर्थ प्रहर पूजा समय - प्रातः 03 बजे से सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक

    सावन कांवड़ यात्रा का क्या है महत्व?

    सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए जाना जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, भगवान परशुराम जी ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले कांवड़ यात्रा की थी। मान्यता है कि कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

    अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

    पंचांग के अनुसार, सावन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान शिव को कांवड़ से जल अर्पित किया जाता है।

    पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन शिवरात्रि व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। इसी दिन कांवड़िये भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे।

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव का जलाभिषेक करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।