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    Kawad Yatra 2023: सफल करना चाहते हैं अपनी कावड़ यात्रा, तो न करें ये गलतियां

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Mon, 03 Jul 2023 11:12 AM (IST)

    Kawad Yatra 2023 हिंदू धर्म में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है। सावन का महीना शुरू होते ही कावड़ यात्रा का प्रारंभ हो जाता है। इस बार अधिक मास होने के कारण भक्तों को 2 महीनों तक अपनी भक्ति जाहिर करने का मौका मिलेगा। ऐसे में कावड़ यात्रा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वरना कावड़ यात्रा सफल नहीं मानी जाती।

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    Kawad Yatra 2023 कावड़ यात्रा के दौरान क्या नहीं करना चाहिए।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kawad Yatra 2023: कावड़ यात्रा में शिवभक्त पैदल और लंबी यात्रा तय कर गंगा नदी का पवित्र जल कावड़ में भरकर लाते हैं और भगवान शिव को अर्पित करते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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    न ले जाएं ये चीजें

    जब भी हम कावड़ लेने जाएं तो अपने साथ कोई भी चमड़े का सामान जैसे चमड़े का पर्स, चमड़े की बेल्ट, चमड़े के जूते, चप्पल आदि नहीं ले जाना चाहिए। क्योंकि चमड़ा जानवरों की खाल से बनता है। जिसके कारण हमें हत्या का पाप लगता है। चमड़े का कोई भी सामान हमें अपने दैनिक जीवन में भी प्रयोग करने से बचना चाहिए।

    भाषा का भी रखें ध्यान

    अपनी भाषा में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। आप कावड़ लेने जाते हैं तो आप अपनी भाषा में बदलाव लाएं। जैसे कि किसी भी गलत भाषा का प्रयोग- गाली देना, अपशब्दों का प्रयोग करना और दुसरों के प्रति अपने मन में गलत विचार लाना। यह सब बिल्कुल एकदम बंद कर देना चाहिए। कावड़ यात्रा के दौरान आपको जो भी लोग मिलते हैं उन्हें भोला और भोले के नाम से ही संबोधित करना चाहिए।

    इस मंत्र का करें जाप

    जहां तक संभव हो नंगे पैर से ही कावड़ यात्रा करें क्योंकि इसमें आत्मिक बल मिलता है और आपकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है। कावड़ यात्रा के दौरान आप किसी भी मंदिर में जाकर भोलेनाथ की किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। ओम नमः शिवाय का जाप करने से भगवान भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न  होते हैं।

    न करें इन चीजों का सेवन

    यात्रा के दौरान सभी प्रकार के नशे जैसे शराब, सिगरेट, पान मसाला और सबसे महत्वपूर्ण भांग का सेवन छोड़ देना चाहिए। कई लोग सोचते हैं कि यह भोलेनाथ का प्रसाद है। लेकिन इसका वर्णन किसी भी ग्रंथ या पुराण में नहीं मिलता। यदि आपको अपनी कावड़ यात्रा सफल करनी है तो इन सभी प्रकार की नशों को छोड़ देना चाहिए।

    कैसा हो भोजन

    यात्रा के दौरान शुद्ध सात्विक भोजन ही करना चाहिए। किसी भी प्रकार के मांसाहार का प्रयोग नहीं करना चाहिए यहां तक कि लहसुन प्याज का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भोजन जमीन पर बैठकर ही करें। जमीन पर ही सोना चाहिए।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'