Karz Mukti Mantra: शुक्रवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, कर्ज से मिलेगी निजात
Karz Mukti Mantra ज्योतिषियों की मानें तो धन की देवी मां लक्ष्मी भगवान गणेश कुबेर और दैत्यों के गुरु शुक्र देव की पूजा-उपासना करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती है। अगर आप भी अपने जीवन में आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं तो शुक्रवार के दिन विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। karz Mukti Mantra: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को सुखों का कारक माना जाता है। कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर जातक को जीवन में धन संबंधी परेशानी नहीं होती है। वहीं, कुंडली में गुरु, शुक्र और बुध के कमजोर होने पर व्यक्ति को आर्थिक विषमता से गुजरना पड़ता है। ज्योतिषियों की मानें तो धन की देवी, मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर और दैत्यों के गुरु शुक्र देव की पूजा-उपासना करने से धन संबंधी परेशानी दूर होती है। अगर आप भी अपने जीवन में आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं, तो शुक्रवार के दिन विधि-विधान से धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से कर्ज संबंधी परेशानी बहुत जल्द दूर हो जाती है।
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कर्ज मुक्ति मंत्र
1. ऊँ तां मSआ वह जातवेदों लक्ष्मीमनगामिनीम् ।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामवश्वं पुरुषानहम् ।।
अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीम् ।
श्रियं देवीमुप ह्रये श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।
ऊँ उपैतु मां देवसख: कीर्तिश्च मणिना सह ।
प्रादुर्भूतोSस्मिराष्ट्रेस्मिन् कीर्त्तिमृद्धिं ददातु मे ।।
ऊँ क्षुत्पिपासमलां ज्येष्ठामलक्ष्मी नाशयाम्यहम् !
अभूतिम समृद्धिं च सर्वां निणुर्द में गृहात् ।।
ऊँ मनस: काममाकूतिं वाच: सत्यमशीमहि ।
पशूनां रूपमन्नस्य मयि: श्री: श्रयतां दश: ।।
ऊँ आप: सृजंतु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।
निच देवीं मातरं श्रियं वासय में कुले ।।
ऊँ आर्दा य: करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मी जातवेदो म आवह ।।
ॐ अत्रेरात्मप्रदानेन यो मुक्तो भगवान् ऋणात्
दत्तात्रेयं तमीशानं नमामि ऋणमुक्तये।
2. ऊँ हिरण्यवर्णा हरिणीं सुवर्णरतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो मम आ वह ।।
3. ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥
4. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
5.ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
6. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
7. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा।
8. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
9. ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
10. ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः
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