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    Karwa Chauth 2025: इस सरल विधि से करें करवा चौथ व्रत का पारण, मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 08:16 PM (IST)

    करवा चौथ का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसमें विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद समाप्त होता है, जिससे अखंड सौभाग्य और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही पति की आयु लंबी होती है। 

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    Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रख रही हैं। इस पर्व का समापन चंद्र दर्शन के बाद होता है।

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    karwa chauth puja

    धार्मिक मत है कि करवा चौथ व्रत करने से व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रती के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। आइए, करवा चौथ व्रत खोलने की सरल विधि जानते हैं-

    करवा चौथ चंद्रोदय समय

    देश की राजधानी दिल्ली में चंद्रोदय रात 08 बजकर 13 मिनट पर हुआ। इस समय से विवाहित महिलाएं चंद्र देवता की पूजा कर व्रत खोल सकती हैं। वहीं, चंद्रोदय के समय में शहर अनुसार अंतर हो सकता है। इसके लिए आप स्थानीय पंचांग का सहारा ले सकती है।   

    कैसे खोलें व्रत?

    व्रती पूजा की थाली सजा लें। इसमें जल, छलनी, दीपक, समेत पूजा सामग्री रख लें। अब छत या खुले आसमान में खड़े होकर चंद्रोदय की दिशा में मुख कर चंद्र देव को सामान्य जल, गंगाजल या कच्चे दूध से अर्घ्य दें। इस समय चंद्र देव के नामों का मंत्र जप कर सकती हैं। इसके बाद विधि विधान से चंद्र देव की पूजा करें। अब छलनी पर दीप रखकर चंद्र देव के दर्शन करें।

    इस समय मन के कारक चंद्र देव से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि में  वृद्धि की कामना करें। चंद्र देव का आशीर्वाद पाने के बाद छलनी से पति का चेहरा देखें। इसके बाद पति से आशीर्वाद प्राप्त करें। इस समय पति के हाथ से मिठाई या कुछ मीठा खाकर पानी पिएं। इसके बाद घर के बड़े-वृद्ध के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। 

    आज यानी करवा चौथ के दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल न करें। आप चाहे तो व्रत खोलने के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार अन्न और धन का दान कर सकती हैं। इसके साथ ही आप जरूरतमंदों को भोजन भी करा सकती हैं। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।