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    Karwa Chauth 2025: क्या कुंवारी कन्याएं कर सकती हैं करवा चौथ का व्रत? जानें सही नियम

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 11:02 AM (IST)

    करवा चौथ का पर्व विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं, लेकिन कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की कामना के लिए यह व्रत करती हैं, लेकिन क्या कुंवारी कन्याएं यह व्रत कर सकती हैं या नहीं? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला करवा चौथ का पर्व बेहद पावन माना जाता है। इस व्रत का पालन मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं करती हैं। वे इस दिन अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, लेकिन कुछ कुंवारी कन्याएं भी मनचाहे वर की कामना के लिए इस कठिन व्रत (Karwa Chauth 2025) का पालन करती हैं, तो आइए आइए यहां जानते हैं कि क्या कुंवारी कन्याएं करवा चौथ का व्रत कर सकती हैं या नहीं?

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    क्या कुंवारी कन्याएं व्रत कर सकती हैं? (Kya Kunwari Kanyaye Karwa Chauth 2025 Vrat Kar Sakti Hai?)

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जी हां कुंवारी कन्याएं श्रद्धापूर्वक करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत (Karwa Chauth 2025 For Unmarried Girls) रखने से उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। वहीं, जिनकी सगाई हो चुकी है, वे कन्याएं भी इस व्रत का पालन करती हैं।

    चंद्रोदय और पारण समय

    करवा चौथ का चांद रात में 08 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा। इस समय व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल सकती हैं।

    करवा चौथ व्रत के नियम (Karwa Chauth Rituals For Unmarried Girls)

    • इस पूरे दिन अन्न-जल के बिना व्रत रखने की परंपरा है।
    • कुंवारी लड़कियों के लिए सरगी जैसी रस्मों का कोई नियम नहीं है।
    • सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं, जबकि कुंवारी कन्याएं भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की पूजा करती हैं और कथा सुनती हैं।
    • सुहागिन महिलाएं छलनी से चांद देखकर और फिर पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं।
    • वहीं, कुंवारी कन्याएं तारों को देखककर यह व्रत खोलती हैं।
    • हालांकि चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर सकती हैं।
    • कुंवारी कन्याओं को इस दिन नए और साफ कपड़े पहनने चाहिए।
    • इनके लिए सोलह शृंगार करने की परंपरा नहीं है।
    • इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए।
    • कन्याएं व्रत के दौरान दिन में एक बार फलाहार या पानी ले सकती हैं।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।